score Card

लश्कर की मदद के बिना पहलगाम हमला संभव नहीं... UNSC की रिपोर्ट में खुलासा, पाकिस्तान फिर बेनकाब

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी संगठन टीआरएफ की भूमिका उजागर की है. रिपोर्ट से पाकिस्तान की आतंकवाद में संलिप्तता एक बार फिर बेनकाब हो गई है.

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था. वहीं, अब संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद (UNSC) की रिपोर्ट में इस हमले को लेकर पाकिस्तान की भूमिका एक बार फिर से बेनकाब हो गई है. संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध निगरानी टीम ने अपनी 36वीं रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने इस हमले की दो बार जिम्मेदारी ली थी और हमले की जगह की तस्वीरें भी सार्वजनिक की थीं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा की मदद के बिना अंजाम देना संभव नहीं था.

TRF ने दो बार ली हमले की जिम्मेदारी

यूएनएससी के तहत काम करने वाली निगरानी टीम, जो आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों पर नजर रखती है, उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 22 अप्रैल को पांच आतंकियों ने पहलगाम में हमला किया. उसी दिन TRF ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए घटनास्थल की तस्वीरें भी जारी कीं. अगले दिन यानी 23 अप्रैल को TRF ने फिर से हमले की जिम्मेदारी दोहराई.

26 अप्रैल को TRF ने पलटा बयान

रिपोर्ट में उल्लेख है कि 26 अप्रैल को TRF ने अपने पहले के दावे से पलटते हुए हमले की जिम्मेदारी से इनकार कर दिया. इसके बाद से ना तो TRF ने और ना ही किसी अन्य आतंकी संगठन ने इस हमले को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी किया. यह रणनीति आतंकी संगठनों द्वारा अकसर अपनाई जाती है ताकि अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचा जा सके.

लश्कर के बिना संभव नहीं था हमला

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि लश्कर-ए-तैयबा की सहायता के बिना यह हमला नहीं हो सकता था. रिपोर्ट में टीआरएफ और लश्कर के बीच गहरे संबंधों की पुष्टि की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले को टीआरएफ ने अंजाम दिया, जो लश्कर का पर्याय है.

अमेरिका ने भी माना TRF आतंकी संगठन

गौरतलब है कि इसी महीने अमेरिका ने भी टीआरएफ को विदेशी आतंकी संगठन (Foreign Terrorist Organization) घोषित कर दिया है. इससे पहले भी कई रिपोर्ट्स में टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा के बीच गहरे संबंधों का खुलासा हो चुका है. पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए इस हमले में आतंकियों ने चुन-चुनकर लोगों को निशाना बनाया, जिससे इसकी सुनियोजित साजिश और भी स्पष्ट हो जाती है.

calender
30 July 2025, 12:25 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag