पहलगाम आतंकी हमला: भारत के एक्शन से पाकिस्तान में हाहाकार, दवाओं और उर्वरकों की भारी किल्लत
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक संबंध समाप्त करने का बड़ा फैसला लिया है. इस निर्णय से अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया गया है, जिससे अरबों रुपये के सीमा पार व्यापार पर असर पड़ा है. भारत का यह कदम दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और गहरा कर सकता है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के व्यापारिक रिश्ते समाप्त करने का बड़ा फैसला लिया है. इस निर्णय से दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंध और अधिक खराब होने की आशंका है. भारत ने अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया है, जिससे 3886.53 करोड़ रुपये के सीमा पार व्यापार पर बुरा असर पड़ा है.
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बीच प्रत्यक्ष व्यापार काफी सीमित है, लेकिन अप्रत्यक्ष मार्गों से भारत का लगभग 10 अरब डॉलर का सामान हर साल पाकिस्तान पहुंचता है. अब भारत के इस निर्णय से पाकिस्तान को खासा आर्थिक झटका लग सकता है.
सीमा सील, व्यापार ठप
अमृतसर के पास स्थित अटारी बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार का सबसे प्रमुख मार्ग है. भारत द्वारा सीमा बंद करने के निर्णय के बाद पाकिस्तान ने भी भारत से आने-जाने वाले व्यापार पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि वर्ष 2024 में भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार में 127 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी और व्यापार का आंकड़ा 1.2 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया था. 2023 में यह आंकड़ा मात्र 0.53 बिलियन डॉलर था, जिससे यह वृद्धि काफी उल्लेखनीय मानी जा रही थी.
तीन अरब डॉलर तक पहुंच चुका था व्यापार
पुलवामा आतंकी हमले से पहले 2019 में भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार लगभग 3 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका था. भारत मुख्य रूप से पाकिस्तान को दवाइयां, फार्मास्युटिकल सामग्री, चीनी, चाय, कॉफी, लोहा, इस्पात, कपास, टमाटर, नमक, ऑटो पार्ट्स और उर्वरक निर्यात करता रहा है. वहीं पाकिस्तान से भारत को मसाले, खजूर, बादाम, अंजीर, तुलसी और मेंहदी जैसी जड़ी-बूटियां प्राप्त होती थीं.
अब व्यापारिक मार्ग बंद होने के कारण पाकिस्तान को भारतीय सामान प्राप्त करने के लिए वैकल्पिक रास्तों पर निर्भर रहना पड़ेगा. विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान को भारतीय उत्पाद अब यूएई, सिंगापुर और श्रीलंका जैसे देशों के माध्यम से मंगाने होंगे, जिससे माल की लागत में काफी वृद्धि होगी.
पाकिस्तान में बढ़ेगी महंगाई
भारतीय सामानों के वैकल्पिक मार्गों से आने के कारण परिवहन खर्च बढ़ने से पाकिस्तान में महंगाई दर पर सीधा असर पड़ेगा. दवाइयाँ और अन्य आवश्यक वस्तुएं महंगी हो जाएंगी, जिससे वहां की गरीब जनता को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ेगी.
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान का फार्मास्युटिकल सेक्टर इस निर्णय से खासा प्रभावित हो सकता है, क्योंकि वह भारत से कच्चे माल पर काफी हद तक निर्भर है. वहीं, भारत की निर्भरता पाकिस्तान पर बेहद कम है, इसलिए भारतीय बाजार पर इसका विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा.
दोनों देशों के रिश्तों में बढ़ी दूरी
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की तैयारी कर ली है. भारत का कहना है कि इस तरह के हमलों का जवाब सिर्फ कड़े कदमों से ही दिया जा सकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
भारत के इस सख्त कदम से साफ है कि अब रिश्तों में खटास और गहराएगी. जहां पाकिस्तान अपने सहयोगियों से समर्थन जुटाने में लगा है, वहीं भारत अपने रुख पर अडिग दिखाई दे रहा है.


