score Card

UN में पाकिस्तान फिर हुआ बेनकाब, बिलावल भुट्टो ने आतंकी हाफिज़ अब्दुर रऊफ़ को बताया निर्दोष

संयुक्त राष्ट्र में बिलावल भुट्टो ने हाफिज़ अब्दुर रऊफ़ को निर्दोष बताकर विवाद खड़ा कर दिया, जबकि उनके CNIC की जानकारी अमेरिकी प्रतिबंधित सूची से मेल खाती है. यह पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद से जुड़ी छवि को छिपाने की एक रणनीति मानी जा रही है. बार-बार ऐसे बयान पाकिस्तान की नीयत पर सवाल उठाते हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से एक ऐसा दावा किया जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि हाफिज़ अब्दुर रऊफ़, जिसे भारत एक आतंकवादी मानता है, दरअसल आतंकवादी नहीं है. यह बयान उस वक्त और अधिक गंभीर हो गया जब इससे जुड़ी सच्चाई सामने आई, जिसमें रऊफ़ का राष्ट्रीय पहचान पत्र (CNIC) अमेरिका की प्रतिबंध सूची में दर्ज व्यक्ति से मेल खाता है.

CNIC से जुड़ा खुलासा

पाकिस्तान की ISPR (Inter-Services Public Relations) द्वारा एक स्कैन की गई CNIC की कॉपी साझा की गई थी, जिसमें रऊफ़ की पहचान साफ तौर पर दर्ज थी. उस दस्तावेज़ में दिया गया CNIC नंबर, जन्म तिथि और अन्य विवरण अमेरिकी ट्रेज़री विभाग के OFAC (Office of Foreign Assets Control) द्वारा जारी प्रतिबंध सूची में शामिल हाफिज़ अब्दुर रऊफ़ से मेल खाते हैं. यही नहीं, उस पहचान पत्र में यह भी लिखा था कि रऊफ़ PMML का सदस्य है — जो कि पहले MML के नाम से जाना जाता था और जिसे अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा मानते हुए 2018 में प्रतिबंधित कर दिया था.

पाकिस्तान की छवि सुधारने की कोशिश या जानबूझकर भ्रम?

बिलावल ने न केवल रऊफ़ को निर्दोष बताया, बल्कि यह भी कहा कि प्रतिबंध सूची में जिन लोगों का नाम है, वे महज संयोगवश पाकिस्तानियों से मिलते-जुलते हो सकते हैं. इस तर्क के माध्यम से उन्होंने एक भ्रम उत्पन्न करने का प्रयास किया, जिससे ऐसा लगे कि पाकिस्तान को आतंकवाद से जोड़ना एक अतिशयोक्ति है. परंतु सच्चाई यह है कि जिन लोगों की बात हो रही है, वे बार-बार पाकिस्तान की धरती से जुड़े पाए गए हैं और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने उन्हें प्रमाणित रूप से आतंकवाद से जोड़ा है.

बार-बार दोहराई गई रणनीति

यह कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के किसी प्रतिनिधि ने अंतरराष्ट्रीय मंच से इस तरह का बयान दिया हो. इससे पहले भी ISPR और अन्य सरकारी संस्थानों ने वैश्विक मीडिया को भ्रमित करने की कोशिश की है, परंतु तथ्यों और दस्तावेज़ों की मौजूदगी ने हर बार उनकी बातों को झूठा साबित कर दिया है. बिलावल का यह बयान इस रणनीति का ही एक और अध्याय प्रतीत होता है.

आतंकवाद पर पाकिस्तान की दोहरी नीति

अक्सर यह देखा गया है कि जब भी पाकिस्तान पर आतंकवाद से संबंध रखने का आरोप लगता है, तो उसके नेता या तो इन आरोपों को नकारते हैं या किसी तकनीकी या भ्रमपूर्ण तर्क के माध्यम से ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं. अगर पाकिस्तान की राजनीतिक नेतृत्व आतंकवादियों का इतना खुला बचाव नहीं करता, तो शायद दुनिया में उसकी छवि इतनी नकारात्मक न होती. लेकिन जब देश के नेता संयुक्त राष्ट्र जैसे मंच से भी इस तरह के झूठे बयान देते हैं, तो यह गंभीर चिंता का विषय बन जाता है.

calender
05 June 2025, 01:56 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag