POK में हिंसक प्रदर्शन के बाद झुकी पाक सरकार, समझौते को बताया 'शांति की जीत'
POK Protests: पाक में कई दिनों से चल रहे उग्र प्रदर्शनों के बाद, पाकिस्तानी सरकार ने आखिरकार दबाव के आगे घुटने टेक दिए और प्रदर्शनकारियों के साथ 25-सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते में मुआवजा, सुधारों और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे अहम वादे शामिल हैं, जो क्षेत्र में नई उम्मीदें जगा रहे हैं.


POK Protests: पाक में बीते पांच दिनों से जारी उग्र विरोध प्रदर्शनों के बाद, शनिवार को पाकिस्तान सरकार ने दबाव में आकर प्रदर्शनकारियों से समझौता कर लिया. इन प्रदर्शनों में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं. हालांकि शहबाज शरीफ सरकार ने इस समझौते को 'शांति की जीत' बताया है, जिसे विश्लेषक एक चेहरा बचाने वाला कदम मान रहे हैं.
प्रदर्शन उस समय भड़क उठे जब सरकार और जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) के नेताओं के बीच बातचीत विफल हो गई. PoK में यह इस साल का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन माना जा रहा है. विरोध की शुरुआत 38 सूत्रीय मांगों के साथ हुई थी, जिनमें सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की गई थी. जब मांगें नहीं मानी गईं, तो सड़कों पर उतर कर विरोध शुरू किया गया, जो हिंसक झड़पों में बदल गया.
शहबाज सरकार की मांगें
सरकार द्वारा साझा किए गए समझौते की प्रति के अनुसार प्रदर्शनकारियों की 38 में से 25 मांगों को मान लिया गया है. इनमें विरोध के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देना, हिंसा और तोड़फोड़ के मामलों में आतंकवाद के तहत केस दर्ज करना शामिल है. साथ ही मीरपुर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण और नीलम वैली रोड पर दो सुरंगों के निर्माण की संभावना पर अध्ययन करने का भी निर्णय लिया गया है.
स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा के क्षेत्र में अहम वादे
समझौते के अनुसार स्थानीय सरकार अगले 15 दिनों में हेल्थ कार्ड जारी करेगी जिससे नागरिकों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी. इसके अतिरिक्त प्रत्येक जिले में चरणबद्ध तरीके से MRI और CT स्कैन मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी. शिक्षा के क्षेत्र में मुझफ्फराबाद और पुंछ डिवीजनों के लिए दो अतिरिक्त इंटरमीडिएट और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्थापित किए जाएंगे.
बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए अरबों रुपये की घोषणा
बिजली संकट को लेकर लंबे समय से नाराज़ जनता को राहत देने के लिए, केंद्र सरकार ने PoK में बिजली व्यवस्था के सुधार के लिए 10 अरब पाकिस्तानी रुपये की सहायता देने की घोषणा की है.
प्रदर्शन का जनजीवन पर असर
26 सितंबर को लगाए गए संचार प्रतिबंध के बाद पूरे क्षेत्र में संपर्क व्यवस्था ठप रही. प्रदर्शन के कारण सार्वजनिक परिवहन बंद था और सिर्फ मोटरसाइकिल और कुछ निजी वाहन ही सड़कों पर देखे गए. यह आंदोलन न केवल महंगाई और बिजली संकट के खिलाफ था बल्कि सेना समर्थित शहबाज सरकार की नीतियों के विरुद्ध व्यापक असंतोष का प्रतीक बन गया.
भारत ने जताई चिंता
भारत ने PoK में पाकिस्तान की कार्रवाई को दमनकारी करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने की अपील की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा कि हमें लगता है कि यह पाकिस्तान के दमनकारी रवैये और इन क्षेत्रों के संसाधनों की सुनियोजित लूट का स्वाभाविक परिणाम है. पाकिस्तान को मानवाधिकारों के भीषण उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
भारत लगातार यह रुख दोहराता आया है कि पाक अधिकृत कश्मीर देश का अभिन्न अंग है. हाल ही में मई में हुए एक संक्षिप्त सैन्य टकराव के बाद भारत ने स्पष्ट किया कि भविष्य में पाकिस्तान से किसी भी प्रकार की बातचीत केवल PoK की वापसी को लेकर ही होगी.
पाकिस्तान ने साधा भारत पर निशाना
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के संघीय मंत्री अहसान इकबाल ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों को आग से बचना चाहिए जो हमारे दुश्मन देश को फायदा पहुंचा सकती है.


