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पाकिस्तान में शराब निर्यात पर से हटा दशकों पुराना बैन, मुर्री ब्रेवरी को मिली अंतरराष्ट्रीय बाजार में एंट्री

पाकिस्तान में शराब नीति को लेकर एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिला है. दशकों बाद मुर्री ब्रेवरी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में शराब निर्यात की आधिकारिक मंजूरी मिल गई है, जिसे आर्थिक मजबूरी और विदेशी मुद्रा जुटाने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.

Yogita Pandey
Edited By: Yogita Pandey

नई दिल्ली: मुस्लिम बहुल देशों में शराब को लेकर सख्त नियमों के बीच पाकिस्तान से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. देश में दशकों से शराब के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया है, जिसके बाद पाकिस्तान की सबसे पुरानी शराब निर्माता कंपनी मुर्री ब्रेवरी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पाद बेचने की आधिकारिक अनुमति मिल गई है. इस फैसले को पाकिस्तान के शराब उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है.

यह फैसला ऐसे समय पर आया है, जब सऊदी अरब में भी गैर-मुस्लिमों को सीमित तौर पर शराब की अनुमति देने की खबरें चर्चा में हैं. माना जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार का यह कदम मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है, न कि सामाजिक या सांस्कृतिक बदलाव का संकेत.

करीब 50 साल बाद खुला निर्यात का रास्ता

1860 में ब्रिटिश शासन के दौरान स्थापित मुर्री ब्रेवरी पाकिस्तान की सबसे पुरानी शराब निर्माता कंपनी है. पिछले कई दशकों से कंपनी देश के भीतर सीमित दायरे में ही कारोबार कर रही थी, क्योंकि शराब के निर्यात पर सख्त पाबंदी थी. अब इस प्रतिबंध के हटने से मुर्री ब्रेवरी को पहली बार वैश्विक बाजार में दोबारा कदम रखने का मौका मिला है.

सरकार के इस फैसले को आर्थिक मजबूरी से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट और विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहा है.

क्या बोले कंपनी के मालिक?

रिपोर्ट के मुताबिक, मुर्री ब्रेवरी के प्रमुख और तीसरी पीढ़ी के मालिक इस्फनयार भंडारा ने इसे संघर्ष और धैर्य की जीत बताया. उन्होंने कहा कि उनके दादा और पिता दोनों ने शराब निर्यात की अनुमति पाने की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हो सके. ऐसे में यह लाइसेंस उनके लिए भावनात्मक और कारोबारी, दोनों स्तर पर बड़ी उपलब्धि है.

भंडारा ने यह भी याद किया कि 2017 में उन्हें उस समय झटका लगा था, जब पाकिस्तान में एक चीनी कंपनी को शराब उत्पादन की अनुमति दी गई थी, जो मुख्य रूप से चीन के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए थी.

सेना प्रमुख के घर के सामने चलती है ब्रेवरी

मुर्री ब्रेवरी फिलहाल रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर के आधिकारिक आवास के ठीक सामने संचालित होती है. यह इलाका अत्यधिक सुरक्षा वाला माना जाता है, जिससे कंपनी की मौजूदगी अपने आप में काफी दिलचस्प मानी जाती है.

कंपनी का सालाना राजस्व अब 100 मिलियन डॉलर से अधिक हो चुका है. इसमें से आधे से ज्यादा कमाई शराब बिक्री से होती है, जबकि शेष आय नॉन-अल्कोहलिक ड्रिंक्स और बोतल निर्माण से आती है.

पाकिस्तान में शराब की हकीकत

पाकिस्तान में शराब की कानूनी बिक्री केवल धार्मिक अल्पसंख्यकों और विदेशियों तक सीमित है. इसके बावजूद देश में अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर चलता है, जिससे जहरीली शराब पीने के कारण कई बार जानलेवा घटनाएं भी सामने आती रही हैं.

काबुल से यूरोप तक फिर विदेशी बाजार की तैयारी

निर्यात पर रोक लगने से पहले मुर्री ब्रेवरी अपने उत्पाद भारत, अफगानिस्तान, खाड़ी देशों और अमेरिका तक भेजती थी. भंडारा ने बताया कि एक समय ऐसा भी था जब काबुल तक बीयर की सप्लाई होती थी, जो आज तालिबान शासन के दौर में अकल्पनीय लगती है.

अब कंपनी ने जापान, ब्रिटेन और पुर्तगाल में टेस्ट शिपमेंट भेजनी शुरू कर दी है. फिलहाल लक्ष्य मुनाफा कमाने से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय बाजार को समझना और ब्रांड पहचान बनाना है. करीब 2,200 कर्मचारियों वाली यह कंपनी अब यूरोप के साथ-साथ एशिया और अफ्रीका के बाजारों पर भी नजर बनाए हुए है.

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25 December 2025, 01:47 PM IST

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