पाक रक्षा मंत्री का बड़ा खुलासा: अफगान मामलों में 40 साल तक दी दखल, अब बदलेगा रुख
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया कि उनके देश ने 40 वर्षों तक अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया, लेकिन अब यह नीति समाप्त कर दी गई है. उनके इस बयान को पाकिस्तान की विदेश नीति में बड़े बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने एक ऐतिहासिक बयान देते हुए पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि उनके देश ने बीते चार दशकों तक अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया. उनका यह बयान कूटनीतिक हलकों में एक बड़े बदलाव के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
अब पुरानी नीति का अंत हो चुका है – रक्षा मंत्री
ख्वाजा आसिफ ने स्पष्ट रूप से कहा कि हमने पिछले 40 वर्षों तक अफगानिस्तान के मामलों में हस्तक्षेप किया, लेकिन अब इस नीति को खत्म कर दिया गया है. अब हमारी किसी से निजी शत्रुता नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान अब किसी 'ठेके' पर लड़ने की मानसिकता से बाहर आ चुका है. उनका यह बयान संकेत देता है कि पाकिस्तान अब अपनी विदेश नीति को आंतरिक स्थिरता और क्षेत्रीय संतुलन की दिशा में मोड़ना चाहता है.
अंतरराष्ट्रीय मंच पर लंबे समय से उठते रहे सवाल
पाकिस्तान पर लंबे समय से यह आरोप लगते रहे हैं कि वह अफगानिस्तान में राजनीतिक हस्तक्षेप, आतंकवादी संगठनों को संरक्षण और सीमा पार हिंसा को बढ़ावा देता रहा है. विशेष रूप से अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क से पाकिस्तान के कथित संबंधों पर अमेरिका सहित कई देशों ने आपत्ति जताई थी.
विशेषज्ञों ने बताया विदेश नीति में बड़ा बदलाव
विदेश मामलों के जानकारों का मानना है कि ख्वाजा आसिफ का यह बयान पाकिस्तान की पारंपरिक विदेश नीति से एक स्पष्ट मोड़ की ओर इशारा करता है. यह रुख न सिर्फ क्षेत्रीय शांति की संभावनाओं को बल देगा, बल्कि पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि सुधारने में भी मददगार हो सकता है.
क्षेत्रीय राजनीति में नई हलचल संभव
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की यह स्वीकारोक्ति ऐसे समय में आई है जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद, आतंकी हमलों और कूटनीतिक तनाव बढ़ते जा रहे थे. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह बयान केवल राजनीतिक रणनीति है या वास्तव में पाकिस्तान अपनी नीति में ठोस बदलाव करने जा रहा है.


