Pakistan ने खुद के पैरों पर मारी कुल्हाड़ी, भारतीय विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद करने से अरबों का नुकसान
पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर 4.1 अरब रुपये का नुकसान उठाया है. यह कदम भारत द्वारा सिंधु जल संधि निलंबित करने के जवाब में उठाया गया था. प्रतिबंध से प्रतिदिन 100-150 भारतीय उड़ानें प्रभावित हुईं, जिससे पाकिस्तान की हवाई यातायात आय में 20% की गिरावट आई. पाकिस्तान ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा फैसला बताया, जो अगस्त के अंत तक लागू रह सकता है.

Pakistan Economics Crisis : पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने का फैसला 23 अप्रैल 2025 को भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के जवाब में लिया था. इस कदम के परिणामस्वरूप 24 अप्रैल से 30 जून के बीच पाकिस्तान को 4.1 अरब रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ, जो पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय द्वारा नेशनल असेंबली में पेश किया गया.
हजारों उड़ानों पर पड़ा असर
अनुमानों से कम नुकसान, लेकिन चिंताजनक गिरावट
पहले अनुमान लगाया गया था कि पाकिस्तान को करीब 8.5 अरब रुपये तक की हानि हो सकती है, लेकिन वास्तविक नुकसान 4.1 अरब रुपये तक सीमित रहा. यह 2019 में इसी प्रकार के एक हवाई प्रतिबंध के दौरान हुए 7.6 अरब रुपये के नुकसान से भी कम है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 2019 में जहां औसत ओवरफ्लाइट राजस्व 508,000 डॉलर था, वहीं 2025 में यह बढ़कर 760,000 डॉलर हो गया था.
ओवरफ्लाइंग शुल्क बना मुख्य वजह
पाकिस्तान एयरपोर्ट्स अथॉरिटी (PAA) की आमदनी का एक बड़ा हिस्सा ओवरफ्लाइंग शुल्क से आता है, जो किसी विदेशी विमान के हवाई क्षेत्र से गुजरने पर लिया जाता है. जब पाकिस्तान ने भारतीय विमानों पर यह रोक लगाई, तो रोजाना लगभग 100-150 उड़ानों से मिलने वाला यह शुल्क बंद हो गया. इससे PAA की आमदनी पर बड़ा असर पड़ा.
फिलहाल हवाई क्षेत्र अब भी बंद
पाकिस्तान की ओर से जारी यह प्रतिबंध अगस्त के अंत तक जारी रहने की संभावना है. भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध लागू रखा है. इस टकराव से दोनों देशों को आर्थिक हानि हो रही है, लेकिन राजनीतिक संदेश अधिक प्रभावशाली माना जा रहा है. यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही, तो दोनों देशों की एविएशन इंडस्ट्री और यात्रियों को और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.


