भारत के खिलाफ खुफिया सहयोग पर पाकिस्तानी कबूलनामा, चीन पर उठे सवाल
पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान में स्वीकार किया है कि भारत के साथ सैन्य तनाव के समय चीन ने इस्लामाबाद को अहम खुफिया जानकारी प्रदान की थी.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान में स्वीकार किया है कि भारत के साथ सैन्य तनाव के समय चीन ने इस्लामाबाद को अहम खुफिया जानकारी प्रदान की थी. इसमें विशेष रूप से भारत की वायु रक्षा प्रणाली से जुड़ी जानकारियां शामिल थीं, जिनसे पाकिस्तान को अपनी रणनीतिक तैयारी मजबूत करने में मदद मिली.
लगाताक हाई अलर्ट पर रहा पाकिस्तान
एक साक्षात्कार के दौरान आसिफ ने बताया कि भारत के साथ संघर्ष के बाद पाकिस्तान लगातार हाई अलर्ट पर रहा और अब तक अपनी सतर्कता कम नहीं की है. उन्होंने यह भी कहा कि रणनीतिक सहयोगी देश अक्सर एक-दूसरे के साथ खुफिया सूचनाएं साझा करते हैं और यही संबंध चीन और पाकिस्तान के बीच भी मौजूद है.
आसिफ के अनुसार, उपग्रह चित्रों और खतरे के आकलन जैसी संवेदनशील जानकारियों का आदान-प्रदान उन देशों के बीच आम है जिनके रणनीतिक हित एक जैसे हों. चीन और पाकिस्तान, दोनों ही भारत को लेकर सुरक्षा चिंताओं से जूझ रहे हैं. इसलिए दोनों के बीच खुफिया सहयोग स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि सैटेलाइट आधारित निगरानी और खुफिया जानकारी साझा करना दोनों देशों की साझेदारी का हिस्सा है.
यह बयान उस समय आया है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव काफी बढ़ गया था. भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत सीमा पार आतंकी ठिकानों पर हमला किया, जिसके बाद पाकिस्तान की ओर से भी भारी गोलीबारी की गई.
11 एयरबेसों को बनाया गया निशाना
जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने कथित रूप से पाकिस्तान के 11 एयरबेसों को निशाना बनाया और उन्हें गंभीर नुकसान पहुंचाया, जिससे पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा. यह पूरा घटनाक्रम क्षेत्रीय तनाव और चीन-पाकिस्तान के बीच गहरे सैन्य सहयोग को दर्शाता है.


