score Card

प्लीज हेल्प! पनामा के होटल में भारतीयों समेत 300 निर्वासित कैद, खिड़कियों पर लगाए मदद के पोस्टर

अमेरिका अपने यहां से विभिन्न देशों के प्रवासियों को निर्वासित कर रहा है, जिनमें भारतीय, ईरानी, अफगानी, पाकिस्तानी, और अन्य देशों के नागरिक शामिल हैं. इन निर्वासितों में से कुछ की पनामा में स्थित एक होटल से खिड़कियों से मदद की अपील करते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

पनामा में इन दिनों एक जटिल और संवेदनशील स्थिति उत्पन्न हो गई है, जहाँ लगभग 300 अमेरिकी निर्वासितों को होटल में आश्रय दिया गया है. इन निर्वासितों में भारतीय, ईरानी, अफगानी, पाकिस्तानी, नेपाली, श्रीलंकाई और चीनी नागरिक शामिल हैं, जिन्हें अमेरिका से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में निर्वासित किया गया था. इन लोगों को पनामा में चिकित्सा देखभाल और भोजन तो मिल रहा है, लेकिन उन्हें होटल छोड़ने की अनुमति नहीं है, जब तक कि उनके देश लौटने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो जाती. 

होटल की खिड़कियों से मदद की गुहार लगाने वाले ये निर्वासित दिखाते हैं कि वे एक असहज और निराशाजनक स्थिति का सामना कर रहे हैं. जहां एक ओर पनामा सरकार इस प्रक्रिया को लेकर गंभीर है, वहीं दूसरी ओर इन निर्वासितों की स्थिति में सुधार की कोई स्पष्ट दिशा नजर नहीं आ रही है.

40% प्रवासी अपने देश लौटने के लिए नहीं तैयार

इन निर्वासितों में से 40 प्रतिशत से अधिक लोग अपने वतन लौटने के लिए तैयार नहीं हैं. कुछ ने तो अपने होटल के कमरे की खिड़कियों पर "मदद" और "हम अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं" जैसे संदेश भी चिपका दिए हैं. इस स्थिति ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि यह ना सिर्फ इन निर्वासितों की व्यक्तिगत चुनौतियों को दर्शाता है, बल्कि यह भी कि कुछ देशों में सुरक्षा की स्थिति कितनी जटिल हो गई है. 

पनामा सरकार की भूमिका और अंतर्राष्ट्रीय मदद

पनामा के सुरक्षा मंत्री फ्रैंक अब्रेगो ने बताया कि इन निर्वासितों को एक अस्थायी होटल में रखा गया है, जहां उन्हें चिकित्सा सेवाएं और भोजन प्रदान किए जा रहे हैं. पनामा, अमेरिका के साथ एक प्रवास समझौते के तहत, इन निर्वासितों को सहायता दे रहा है, लेकिन उनका आंदोलन सीमित है. वे तब तक होटल से बाहर नहीं जा सकते जब तक उनके अपने देशों में वापसी के लिए कोई ठोस योजना तैयार नहीं हो जाती.

171 प्रवासियों ने लौटने पर सहमति दी

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की सहायता से 171 निर्वासितों ने अपने देश लौटने पर सहमति जताई है. हालांकि, 128 लोग अभी भी अपनी वापसी को लेकर अनिश्चित हैं और उनके लिए नए देशों में स्थानांतरित होने का प्रयास किया जा रहा है. एक निर्वासित आयरिश नागरिक पहले ही अपने देश लौट चुका है, जबकि अन्य लोग जिनका अपने देशों में लौटने से इंकार है, उन्हें पनामा के दूरस्थ डेरियन प्रांत में अस्थायी रूप से रखा जाएगा.

पनामा सरकार ने अमेरिका के साथ एक समझौते के तहत निर्वासितों के लिए एक 'पुल' का काम करने की सहमति दी है. इस समझौते के तहत अमेरिका इस ऑपरेशन का सारा खर्च वहन करेगा. पनामा नहर पर नियंत्रण को लेकर ट्रंप की धमकियों के कारण पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो पर राजनीतिक दबाव है, जिससे यह स्थिति और अधिक जटिल हो गई है. 

लोकपाल कार्यालय से और जानकारी का इंतजार

पनामा के लोकपाल कार्यालय से इस मामले पर आगे की जानकारी मिलने की उम्मीद है, जो निर्वासितों की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने और समाधान तलाशने में मदद कर सकती है. इस बीच, पनामा और अमेरिका दोनों के लिए यह एक बड़ा चुनौतीपूर्ण समय है, जहां हजारों लोगों के भविष्य का सवाल खड़ा है.

calender
20 February 2025, 07:53 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag