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प्रधानमंत्री मोदी साइप्रस पहुंचे, राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस ने किया भव्य स्वागत

पीएम मोदी ने रविवार को साइप्रस की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा की शुरुआत की. वह लारनाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने उनका स्वागत किया.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साइप्रस की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा की शुरुआत की. वे लारनाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. यह यात्रा राष्ट्रपति के आमंत्रण पर हो रही है और प्रधानमंत्री की तीन देशों की यात्रा का हिस्सा है, जिसमें वह क्रोएशिया भी जाएंगे और फिर कनाडा में 16-17 जून को आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.

PM मोदी शीर्ष नेतृत्व से करेंगे मुलाकात

साइप्रस में अपने प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री मोदी वहां के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे. इन बैठकों में व्यापार, निवेश, शिक्षा, विज्ञान-प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक सहयोग जैसे विषयों पर चर्चा होगी. प्रधानमंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि साइप्रस पहुंचकर प्रसन्नता हुई. राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस द्वारा हवाई अड्डे पर किया गया स्वागत दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों का प्रतीक है. यह यात्रा भारत-साइप्रस साझेदारी को नए आयाम देगी.

मोदी ने भारतीय समुदाय से भी मुलाकात की और उनके समर्थन व स्नेह के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने भारत और साइप्रस के बीच गहरे होते संबंधों को और आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई.

2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था साइप्रस का दौरा

यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पिछले 23 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की पहली यात्रा है. इससे पहले 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी और 1982 में इंदिरा गांधी वहां गए थे. इस दौरे को न केवल द्विपक्षीय संबंधों के पुनर्जीवन के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि इसे तुर्की के लिए एक रणनीतिक संदेश भी माना जा रहा है, जो हाल ही में भारत के विरोधी रुख में रहा है.

तुर्की के विपरीत, साइप्रस ने हमेशा आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की साइप्रस ने कड़ी निंदा की थी और यूरोपीय स्तर पर सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाने की प्रतिबद्धता जताई थी. इसके अलावा, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEEC) में भी साइप्रस एक अहम भूमिका निभा रहा है, जिसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त है.

व्यापार बढ़ाने पर चर्चा

आर्थिक संबंधों की बात करें तो, साइप्रस के प्रमुख बैंक 'यूरोबैंक' ने हाल ही में मुंबई में प्रतिनिधि कार्यालय खोलने की घोषणा की है, जिससे भारतीय कंपनियों को यूरोपीय बाजार में प्रवेश करने में सुविधा मिलेगी. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस रविवार को लिमासोल में व्यापारिक नेताओं के साथ गोलमेज बैठक में भाग लेंगे, जहां निवेश और व्यापार बढ़ाने पर चर्चा होगी.

सोमवार को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री का औपचारिक स्वागत होगा और उन्हें साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान "ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III" से सम्मानित किया जाएगा. इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ताएं होंगी जिनमें निवेश, बुनियादी ढांचा, व्यापार और यूरोपीय संघ-भारत संबंधों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

भारत हमेशा साइप्रस की संप्रभुता का समर्थन करता आया है, जबकि साइप्रस ने भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थायी सुरक्षा परिषद सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में प्रवेश जैसे प्रयासों का समर्थन किया है. यह यात्रा भारत-साइप्रस संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकती है.

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15 June 2025, 10:07 PM IST

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