जी20 शिखर सम्मेलन में पीएमं मोदी की जॉर्जिया मेलोनी और ब्राजील के लूला के साथ बातचीत
जोहान्सबर्ग में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ सहज और अनौपचारिक बातचीत रही.

जोहान्सबर्ग में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर सबका ध्यान आकर्षित करते नजर आए. सम्मेलन के इतर हुई मुलाकातों में सबसे अधिक चर्चा उनकी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ सहज और अनौपचारिक बातचीत की रही.
पीएम मोदी कई वैश्विक नेताओं से मिले
दोनों नेताओं को हंसते हुए, गर्मजोशी से हाथ मिलाते और आपसी सम्मान के भाव से एक-दूसरे का अभिवादन करते देखा गया. यह दृश्य न केवल मीडिया में छाया रहा बल्कि दोनों देशों के आपसी संबंधों की सहजता भी प्रदर्शित करता है. सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कई अन्य वैश्विक नेताओं से भी उत्साहपूर्ण तरीके से मिले. विशेष रूप से ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ उनकी गले मिलकर हुई मुलाकात काफी सुर्खियों में रही. यह मुलाकात भारत और ब्राजील के बीच मजबूत होते संबंधों का संकेत भी मानी जा रही है.
#WATCH | Johannesburg, South Africa | Prime Minister Narendra Modi interacts with Italian Prime Minister Giorgia Meloni during the G-20 Summit
— ANI (@ANI) November 22, 2025
(Source: DD News) pic.twitter.com/a4DvBgOLmD
शनिवार को पीएम मोदी सम्मेलन स्थल पर पहुंचने से पहले उनका जोहान्सबर्ग में भव्य स्वागत किया गया. आगमन के तुरंत बाद शुक्रवार को हवाई अड्डे पर स्थानीय कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उनका अभिनंदन किया. पारंपरिक नृत्य व संगीत के साथ हुए स्वागत ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों की झलक दिखाई. उसके बाद प्रवासी भारतीय समुदाय ने “एकजुट भारत की लय” शीर्षक से 11 भारतीय राज्यों के लोकनृत्यों की चमकदार प्रस्तुति देकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया, जिससे कार्यक्रम का वातावरण और भी जीवंत हो गया.
वैश्विक विकास मॉडल में बदलाव की जरूरत पर जोर
जी-20 के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक विकास मॉडल में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि दुनिया को अब ऐसे विकास ढांचे की आवश्यकता है जो समावेशिता, स्थिरता और सभ्यतागत ज्ञान पर आधारित हो. अफ्रीका के पहली बार जी-20 की मेजबानी करने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि विकास की परिभाषा को नए संदर्भ में समझा जाए, खासकर उन क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए जो वर्षों से संसाधनों की कमी और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
समावेशी और सतत विकास पर आयोजित सत्र में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के एकात्म मानववाद की अवधारणा को संतुलित प्रगति का आधार बताया. इसी संदर्भ में उन्होंने तीन महत्त्वपूर्ण पहल प्रस्तावित कीं- पारंपरिक ज्ञान का वैश्विक भंडार तैयार करना, अफ्रीकी महाद्वीप के लिए कौशल विकास को गति देने वाला व्यापक कार्यक्रम और नशीली दवाओं व आतंकवाद के गठजोड़ को समाप्त करने के लिए साझा अंतरराष्ट्रीय प्रयास.


