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PoK बचाने के लिए पाकिस्तान ने खेला बड़ा दांव: कश्मीर विवाद में चीन की एंट्री और नया मोड़

कश्मीर विवाद में पाकिस्तान ने पहली बार चीन को भी शामिल कर नया geopolitical मोड़ दिया है. चीन की एंट्री से क्षेत्रीय तनाव बढ़ा है और भारत-पाकिस्तान के बीच PoK को लेकर लड़ाई और जटिल हो गई है, जिससे वैश्विक रणनीति प्रभावित हो रही है.

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

इंटरनेशनल न्यूज. कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चले आ रहे विवाद में अब चीन का हस्तक्षेप एक नया और गंभीर मोड़ लेकर आया है. हाल ही में पाकिस्तान ने खुले तौर पर कश्मीर मसले में चीन को भी शामिल करते हुए इस जटिल विवाद को और अधिक पेचीदा बना दिया है. यह पहली बार है जब पाकिस्तान ने चीन को कश्मीर मामले में एक सक्रिय पक्ष के रूप में स्वीकार किया है, जिससे क्षेत्रीय राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं.

पाकिस्तान की रणनीति में चीन का साथ

पाकिस्तान का यह कदम केवल राजनीतिक बयानबाजी नहीं बल्कि उसकी गहरी रणनीति का हिस्सा है. हाल के वर्षों में चीन और पाकिस्तान के बीच रक्षा, आर्थिक और राजनीतिक रिश्ते मजबूत हुए हैं. चीन ने पाकिस्तान को भारी मात्रा में हथियार और तकनीकी सहायता प्रदान की है, और दोनों देशों ने बीआरआई (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) के तहत कई महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में साझेदारी की है. इस साझेदारी के तहत चीन ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में अरबों डॉलर का निवेश भी किया है. ऐसे में चीन की एंट्री पाकिस्तान के लिए अपने सामरिक और आर्थिक हितों को सुरक्षित करने की कोशिश है.

भारत की सख्त प्रतिक्रिया और बढ़ता दबाव

भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर को लेकर अपनी स्थिति और मजबूत कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने बार-बार पाक अधिकृत कश्मीर खाली कराने की मांग की है. इसके साथ ही रक्षा और विदेश मंत्रालय भी पाकिस्तान पर कड़ा दबाव बना रहे हैं. भारत का यह कदम क्षेत्रीय सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. भारत के रुख से पाकिस्तान की रणनीति में बदलाव आना स्वाभाविक है, क्योंकि वह अब चीन के सहयोग से अपना राजनीतिक और सैन्य आधार मजबूत करना चाहता है.

चीन की आर्थिक निवेश भूमिका और सुरक्षा चिंता

चीन ने पाक अधिकृत कश्मीर क्षेत्र में लगभग 300 मिलियन डॉलर का निवेश किया है, जो उसके आर्थिक हितों का प्रतिबिंब है. इस निवेश को लेकर चीन गंभीर है और इसे सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण मानता है. यदि भारत इस क्षेत्र में कोई कठोर कदम उठाता है, तो यह सीधे तौर पर चीन के आर्थिक हितों को प्रभावित करेगा. इसलिए पाकिस्तान ने चीन को कश्मीर विवाद में शामिल करके अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है, ताकि भारत के कदमों का प्रभाव सीमित किया जा सके.

क्षेत्रीय स्थिरता पर असर और भविष्य की चुनौतियां

चीन की इस नई भूमिका ने कश्मीर विवाद को और जटिल बना दिया है. इससे न केवल भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता भी प्रभावित हो सकती है. वैश्विक स्तर पर भी इस मसले पर ध्यान बढ़ेगा, क्योंकि चीन की भागीदारी ने इसे एक त्रिपक्षीय विवाद में बदल दिया है. आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत, पाकिस्तान और चीन इस स्थिति को किस तरह संभालते हैं और क्या संवाद के जरिए समाधान निकाला जा सकता है.

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