आतंक के अड्डों पर भारतीय वार और रूस की चुनौती ने बढ़ाया विश्व तनाव
कश्मीर में आतंक का खात्मा कर रहा था भारत, और उधर रूस के आसमान में गरज रहे थे सैकड़ों ड्रोन। दो अलग-अलग जंग, दो अलग-अलग दुश्मन — लेकिन असर पूरी दुनिया पर। क्या ये सिर्फ संयोग था या किसी गहरी रणनीति का हिस्सा? इस रिपोर्ट में जानिए कैसे दो महाशक्तियों के खिलाफ हुई कार्रवाइयों ने वैश्विक संतुलन को हिला कर रख दिया।

International: 7 मई की रात एक नहीं, दो बड़े धमाके हुए — एक साउथ एशिया में और दूसरा रूस में. भारत ने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर करारा हमला किया, वहीं रूस पर यूक्रेन ने जोरदार ड्रोन अटैक कर दिया. इस दोहरी हलचल ने सिर्फ पाकिस्तान या यूक्रेन को ही नहीं बल्कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तक को चौंका दिया. पुतिन ने खुद ये बात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत में कबूल की.
पुतिन ने कहा – '3 साल में पहली बार डर लगा'
18 मई को पुतिन और ट्रंप के बीच करीब दो घंटे फोन पर बात हुई. इस दौरान पुतिन ने ट्रंप को बताया कि 7 मई की रात उन्हें तीन सालों में पहली बार ऐसा महसूस हुआ जैसे कुछ बड़ा और बुरा होने वाला है. और उस वक्त दो बड़े घटनाक्रम चल रहे थे — भारत की स्ट्राइक और यूक्रेन का ड्रोन अटैक.
भारत ने पाकिस्तान पर क्यों की थी स्ट्राइक?
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने एक दर्दनाक हमला किया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए. इसके बाद भारत ने पलटवार की योजना बनाई और 7 मई की रात को लश्कर, जैश और हिजबुल के 9 आतंकी ठिकानों पर जोरदार हमला किया. इस कार्रवाई में सौ से अधिक आतंकियों को ढेर किया गया. इस हमले के बाद पूरी दुनिया में ये डर बैठ गया कि कहीं भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध ना छिड़ जाए.
उसी रात रूस पर भी हुआ ड्रोन हमला
यही वो रात थी जब रूस पर भी बड़ा हमला हुआ. यूक्रेन ने रूस की राजधानी मॉस्को पर करीब 564 ड्रोन छोड़ दिए. पुतिन के मुताबिक ये हमला जानबूझकर उस वक्त किया गया, ताकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अन्य विदेशी मेहमान रूस की 9 मई की विक्ट्री परेड में न आएं.
पुतिन ने कहा कि उन्हें डर था कि कहीं ये परेड फीकी न पड़ जाए और दुनिया रूस से दूरी न बना ले. हालांकि, उन्होंने तुरंत सुरक्षा कदम उठाए और परेड को सफल बनाया.
भारत-पाक के बीच फिर सीजफायर
इस पूरे घटनाक्रम के बाद 11 मई को भारत और पाकिस्तान ने सीजफायर का ऐलान कर दिया, जिससे तनाव थोड़ा कम हुआ. लेकिन 7 मई की रात जो कुछ हुआ उसने कई देशों को झकझोर कर रख दिया.
जब दो घटनाएं एक साथ हों, तो असर पूरी दुनिया पर होता है
इस कहानी से ये साफ हो गया कि किसी एक देश की कार्रवाई का असर दूसरे को भी महसूस हो सकता है. भारत की स्ट्राइक और रूस पर ड्रोन हमले ने साबित कर दिया कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति और सुरक्षा आज पहले से कहीं ज्यादा संवेदनशील हो चुकी है.


