कट्टरपंथी साद को लगी गोली, TLP के खिलाफ ऑपरेशन चला रही PAK सरकार... मुरीदके क्षेत्र में बढ़ा तनाव
Pakistan TLP Conflict : पाकिस्तान के मुरीदके में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के खिलाफ सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने सख्त कार्रवाई शुरू की है. TLP प्रमुख साद रिजवी को गोली लगी है और हिंसा ने क्षेत्र को तनावपूर्ण बना दिया है. पुलिस और रेंजर्स ने टीएलपी के प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है. यह संघर्ष गाजा समर्थन प्रदर्शन से शुरू हुआ और अब बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल का कारण बन गया है.

Pakistan TLP Conflict : पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा एजेंसियां मुरीदके में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के खिलाफ एक गंभीर ऑपरेशन चला रही हैं. यह क्षेत्र रणभूमि में तब्दील हो गया है, जहां TLP के प्रमुख साद रिजवी को गोली लगी है और उनकी सर्जरी की तैयारी की जा रही है. वहीं, टीएलपी समर्थक हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं, आगजनी और तोड़फोड़ कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, साद रिजवी और अन्स रिजवी मुरीदके के किसी छिपे हुए स्थान पर हैं.
TLP का उद्देश्य इस्लामी शासन लागू करना
सुरक्षा बलों की तैनाती और कार्रवाई
डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान रेंजर्स, पांच जिलों की पुलिस और अन्य एजेंसियों की बड़ी संख्या में टुकड़ियां रविवार तड़के मुरीदके भेजी गईं. ये बल TLP के कैंप को घेरकर उस पर कड़ी नजर रख रहे हैं. टीएलपी के सदस्यों को शहर की ओर बढ़ने से रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने खाइयां खोदी हैं और रास्ते बंद कर दिए हैं.
मुरीदके का ऐतिहासिक महत्व
मुरीदके वह स्थान है जहां पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने हवाई हमले किए थे. यह क्षेत्र इसलिए भी संवेदनशील माना जाता है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की. लाहौर के 85 पुलिस थानों में से हर थाने के 10 अधिकारियों को मुरीदके भेजने का आदेश दिया गया है, ताकि क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके.
पुलिस और प्रशासन की सक्रियता
लाहौर के डीआईजी ऑपरेशन फैसल कामरान और कई एसपी सहित अतिरिक्त पुलिस बल मुरीदके पहुंचे हैं. साथ ही शेखपुरा, गुजरांवाला, सियालकोट और गुजरात जिलों की पुलिस ने भी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है.
TLP ने 10 अक्टूबर से प्रदर्शन शुरू किया
पाकिस्तान में TLP ने 10 अक्टूबर से प्रदर्शन शुरू किया, जो मुख्य रूप से फिलिस्तीन और गाजा के समर्थन में था. इस दौरान TLP ने अमेरिकी दूतावास के बाहर विरोध मार्च का ऐलान किया था, जिसे पुलिस ने अनुमति नहीं दी. टीएलपी ने ‘लब्बैक या अक्शा मिलियन मार्च’ का आयोजन किया, जो इजरायल-हमास संघर्ष में गाजा में कथित हत्याकांडों के खिलाफ था. यह मार्च इस्लामाबाद के डिप्लोमैटिक एंक्लेव में अमेरिकी दूतावास तक पहुंचने का प्रयास था, क्योंकि टीएलपी अमेरिका को इजरायल का समर्थक मानता है.
हिंसा और संघर्ष का कारण
8 अक्टूबर को पंजाब पुलिस ने लाहौर में टीएलपी मुख्यालय पर छापा मारा, जहां साद रिजवी को गिरफ्तार करने का प्रयास हुआ. इसके बाद 9 और 10 अक्टूबर की रात को लाहौर में हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें टीएलपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव, पेट्रोल बम और हथियारों से हमला किया. 13 अक्टूबर को मुरीदके में फिर हिंसा भड़की, जहां एक SHO मारा गया, 48 पुलिसकर्मी शहीद हुए और चार नागरिकों की जान गई. टीएलपी ने पाकिस्तान पुलिस को ‘इजरायली गुंडे’ बताया है.
साद रिजवी का परिचय
साद हुसैन रिजवी, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रमुख और संस्थापक खादिम हुसैन रिजवी के पुत्र हैं. खादिम हुसैन रिजवी की 2020 में मृत्यु हो चुकी है. साद रिजवी ने 2021 से संगठन की कमान संभाली है और लाहौर से जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे. सूत्रों के अनुसार, उन्हें गोली लगी है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
पाकिस्तान में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के उग्र प्रदर्शन और हिंसा के कारण स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. सरकार ने सुरक्षा बलों की मदद से इस आंदोलन को काबू में करने का प्रयास तेज कर दिया है. मुरीदके में जारी यह संघर्ष राजनीतिक और सामाजिक तौर पर देश में बड़ी उथल-पुथल का कारण बना हुआ है, जिससे पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा पर गहरा असर पड़ रहा है.


