बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना हुई ‘दोषी’ करार, कोर्ट ने सुनाई 6 महीने की जेल
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश में हुए तख्तापलट के बाद पहली बार किसी मामले में दोषी ठहराया गया है. अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने उन्हें अदालत की अवमानना के एक मामले में 6 महीने की जेल की सजा सुनाई है. यह फैसला उनके देश छोड़कर भारत में शरण लेने के लगभग एक साल बाद आया है.

Bangladesh Sheikh Hasina: बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अदालत की अवमानना के मामले में 6 महीने की कारावास की सजा सुनाई. इस फैसले की अध्यक्षता जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार ने की, जिनके साथ न्यायमूर्ति मोहम्मद शफीउल आलम महमूद और न्यायाधीश मोहम्मद मोहितुल हक इनाम चौधरी शामिल थे. कोर्ट ने यह फैसला तब लिया जब शेख हसीना पर नेताओं के साथ फोन पर बातचीत में कोर्ट के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का आरोप सिद्ध हुआ.
शेख हसीना के खिलाफ बढ़ते मुकदमे
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर तख्तापलट के बाद से कई आरोप लगाए गए हैं. उनके देश छोड़कर भागने के लगभग एक साल बाद उनको इस मामले में सजा सुनाई गई है. शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में कुल 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें भ्रष्टाचार और नरसंहार जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं. अंतरिम सरकार के नेतृत्व में मोहम्मद यूनुस ने कई बार भारत से शेख हसीना को बुलाने की मांग की थी. जिसके बाद मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने जुलाई 2024 के विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में शेख हसीना और तीन अन्य लोगों के खिलाफ आरोप लगाया.
भारत में शेख हसीना की स्थिति
पिछले साल 5 अगस्त को तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरण ली थी. तब से वह भारत में रह रही हैं. और बांग्लादेश सरकार ने कई बार उनको वापसी बुलाने की मांग कर चुकी है. यूनुस सरकार का कहना है कि शेख हसीना पर भ्रष्टाचार और हत्याओं के गंभीर आरोप हैं, और उन्हें बांग्लादेश लौटकर कानूनी कार्रवाइयों का सामना करना होगा.
जिसके बाद भारत सरकार ने बांग्लादेश की इन अनुरोधों का कोई जवाब नहीं दिया हालंकि शेख हसीन के कार्यकाल के दौरान भारत और बांग्लादेश के रिश्ते काफी अच्छे रहे, लेकिन उनके बाद से दोनो देशों में थोड़ी दूरी आ गई.


