'उनके लौटने की एक ही शर्त है...', बांग्लादेश जाने के सवाल पर क्या बोलीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. एक इंटरव्यू के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, अपने देश में बढ़ती अस्थिरता, अवामी लीग पर लगे प्रतिबंध और 'बिना चुने हुए तथा कट्टरपंथ समर्थित शासन' के उदय को लेकर गंभीर आरोप लगाए.

नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. एक इंटरव्यू के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, अपने देश में बढ़ती अस्थिरता, अवामी लीग पर लगे प्रतिबंध और 'बिना चुने हुए तथा कट्टरपंथ समर्थित शासन' के उदय को लेकर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने साफ कहा कि उन्हें मजबूर होकर विदेश में रहना पड़ रहा है और यह स्थिति बांग्लादेश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है.
'लोकतंत्र का सीधा अपमान है'
हसीना ने कहा कि अवामी लीग को चुनाव प्रक्रिया से बाहर रखना लोकतंत्र का सीधा अपमान है. उन्होंने आगे कहा कि अवामी लीग के बिना कोई चुनाव वैध नहीं कहा जा सकता. जिस सरकार ने बार-बार जनता द्वारा चुनी गई अवामी लीग को वोट देने और चुनाव लड़ने से रोका, वह लाखों नागरिकों का अधिकार छीन रही है. उन्होंने कहा कि चाहे अवामी लीग सत्ता में हो या विपक्ष में, उसे राजनीतिक प्रक्रिया से अलग करना देश के भविष्य को खतरे में डालता है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रतिबंध हटाया जाना आवश्यक है, वरना बांग्लादेश सही मायने में जनता द्वारा चुनी गई सरकार बनाने का मौका खो देगा.
वतन वापसी के सवाल पर क्या बोलीं शेख हसीना
वतन वापसी के सवाल पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि उनके लौटने की एक ही शर्त है- बांग्लादेश में मुक्त और निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं और अवामी लीग को दोबारा चुनाव लड़ने का अधिकार मिले. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य कभी निजी सत्ता नहीं रहा, बल्कि बांग्लादेश के लोगों को उनका लोकतांत्रिक अधिकार दिलाना है. उन्होंने बताया कि राजनीतिक और धार्मिक पहचान चाहे जो भी हो, हर नागरिक की सुरक्षा और समान अधिकार सुनिश्चित करना किसी भी लोकतांत्रिक सरकार का मुख्य दायित्व होना चाहिए.
'राजनीतिक बदले की कार्रवाई'
हसीना ने अपने कार्यकाल पर आत्ममंथन करते हुए स्वीकार किया कि कुछ फैसले और बेहतर तरीके से संभाले जा सकते थे, जैसे सरकारी नौकरी के कोटा का मामला. उन्होंने कहा कि हिंसा बढ़ने से पहले शुरू की गई स्वतंत्र जांच आगे नहीं बढ़ पाई, क्योंकि यूनुस द्वारा सत्ता हथिया लेने के बाद उसे रोक दिया गया. उन्होंने दुख जताया कि वे उन परिवारों को न्याय नहीं दिला पाईं, जिन्होंने अपने लोगों को खोया और सत्य की मांग कर रहे थे. अंतरिम सरकार द्वारा की गई जांचों को उन्होंने 'राजनीतिक बदले की कार्रवाई' बताया.
'बांग्लादेश ने बड़े पैमाने पर प्रगति की'
हसीना ने गर्व से कहा कि उनके शासन में बांग्लादेश ने बड़े पैमाने पर प्रगति की. देश ने 450% जीडीपी वृद्धि दर्ज की, लाखों लोग गरीबी से बाहर निकले और अनेक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पूरे हुए. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के लोग मेहनती हैं और अवामी लीग ने उन्हें सशक्त बनाकर विकास की राह दिखाई. अंत में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की उपलब्धियों की आलोचना करने वाले देश को वैसी प्रगति कभी नहीं दिला पाएंगे.


