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शेख हसीना की बढ़ी मुश्किलें, मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप हुआ तय

अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने शेख हसीना पर मानवता के विरुद्ध अपराध के आरोपों को स्वीकार करते हुए उन पर अभियोग लगाया

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ 2024 में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित तौर पर मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने उनके खिलाफ औपचारिक रूप से अभियोग दर्ज किया है. यह कार्रवाई 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और हत्याओं के आधार पर की गई है, जिसके परिणामस्वरूप शेख हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी. यह मामला बांग्लादेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां शेख हसीना, जो देश की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली प्रधानमंत्री रही हैं, अब गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रही हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों ने इस मामले पर कड़ी नजर रखी है, क्योंकि यह न केवल बांग्लादेश की न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करेगा, बल्कि क्षेत्रीय कूटनीति पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है.

प्रदर्शनकारियों पर हिंसा के आरोप

जुलाई 2024 में बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली के खिलाफ शुरू हुआ छात्र आंदोलन हिंसक हो गया था, जिसमें लगभग 1,400 लोगों की जान गई थी. एक लीक ऑडियो के आधार पर दावा किया गया है कि शेख हसीना ने पुलिस को "जहां मिले, वहीं मारो" जैसे घातक आदेश दिए थे. इस ऑडियो की प्रामाणिकता पर अवामी लीग ने सवाल उठाए हैं, लेकिन अभियोजकों का कहना है कि यह सबूत हसीना की प्रत्यक्ष भूमिका को दर्शाता है.

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की कार्रवाई

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने शेख हसीना के साथ-साथ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून के खिलाफ भी अभियोग तय किए हैं. मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने अदालत में 134 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया, जिसमें हसीना पर हत्या, उकसावे, साजिश और नरसंहार रोकने में विफलता जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं. ताजुल इस्लाम ने कहा, "हम यह साबित करना चाहते हैं कि एक सभ्य समाज, जहां लोकतंत्र और कानून का शासन कायम है, जनसंहार या मानवता के खिलाफ अपराध बर्दाश्त नहीं करेगा.

मामलों में हसीना की भूमिका

अभियोजन पक्ष ने तीन विशिष्ट मामलों को उजागर किया है, जिनमें हसीना को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है. पहला मामला 23 वर्षीय छात्र प्रदर्शनकारी अबू सईद की हत्या से संबंधित है. दूसरा, ढाका के चंकुरपुल इलाके में छह लोगों की हत्या और तीसरा, आशुलिया में छह लोगों की हत्या कर जलाने का है. अभियोजकों का दावा है कि हसीना ने आदेश दिया था, जिसके परिणामस्वरूप भारी जनहानि हुई.

कोर्ट ने सुनाई सजा

मानवता के विरुद्ध अपराधिक आरोपों के अलावा, शेख हसीना को एक अन्य मामले में अदालत की अवमानना के लिए छह महीने की जेल की सजा भी सुनाई गई है. यह सजा एक लीक फोन कॉल से जुड़ी है, जिसमें हसीना और अवामी लीग की छात्र शाखा के एक कार्यकर्ता के बीच बातचीत को न्याय प्रक्रिया के लिए खतरा माना गया. इस मामले में हसीना को 24 जून तक आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया था, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा आगे बढ़ा.

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10 July 2025, 04:44 PM IST

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