आवाज़ नीचे… खामेनेई का मज़ाक उड़ाने पर ईरान का ट्रंप को करारा जवाब
ईरानी विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई के करोड़ों सच्चे अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना बंद करना चाहिए. उन्होंने ट्रंप की टिप्पणियों को अपमानजनक और अस्वीकार्य बताते हुए संयम बरतने की अपील की.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को लेकर की गई विवादित टिप्पणी पर अब ईरान की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने कड़े शब्दों में ट्रंप को चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका वास्तव में ईरान के साथ कोई समझौता करना चाहता है, तो उसे खामेनेई के खिलाफ अपमानजनक और अस्वीकार्य भाषा का इस्तेमाल तुरंत बंद करना होगा.
अराघची ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को ईरान के सर्वोच्च नेता के करोड़ों सच्चे अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना बंद करना चाहिए. यह न केवल अपमानजनक है बल्कि दोनों देशों के बीच किसी भी संभावित कूटनीतिक रास्ते को भी मुश्किल बना देता है.”
“हम अपनी तकदीर खुद तय करते हैं”
अराघची ने ईरानी सभ्यता और आत्मनिर्भरता की मिसाल देते हुए कहा, “हमारी जटिलता और दृढ़ता हमारे शानदार कालीनों में दिखती है, जो अनगिनत घंटों की मेहनत और धैर्य से बनाए जाते हैं. लेकिन एक देश के रूप में हमारी मूल भावना स्पष्ट है – हम अपनी कीमत जानते हैं, अपनी आज़ादी की कद्र करते हैं और किसी को भी अपने भाग्य का फैसला करने की इजाजत नहीं देंगे.”
ईरान-इजराइल संघर्ष पर भी जताई नाराज़गी
अराघची ने इजराइल के साथ जारी तनाव को लेकर भी तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “ईरान के महान और ताकतवर लोगों ने यह साबित कर दिया है कि इजराइली शासन के पास हमारी मिसाइलों से बचने के लिए अमेरिका यानी अपने 'डैडी' के पास भागने के अलावा कोई रास्ता नहीं था.” यह बयान इजराइल और अमेरिका दोनों पर सीधा हमला माना जा रहा है.
“गलती हुई तो दिखेगी ईरान की असली ताकत”
अपने बयान के अंत में अराघची ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “अगर किसी भी गलतफहमी की वजह से हालात बिगड़ते हैं, तो ईरान अपनी असली सैन्य और रणनीतिक क्षमता दिखाने से पीछे नहीं हटेगा. हमारी ताकत किसी भी भ्रम को खत्म करने में सक्षम है.”
कूटनीतिक वार की शुरुआत?
ईरान के इस आक्रामक बयान को अमेरिका और इजराइल की हालिया सैन्य कार्रवाइयों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है. इससे यह भी संकेत मिलता है कि अब मामला केवल बयानबाज़ी तक सीमित नहीं रहेगा. कूटनीतिक और सैन्य दोनों मोर्चों पर तनाव और बढ़ सकता है, खासकर तब जब ट्रंप एक ओर रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की बात कर रहे हैं और दूसरी ओर ईरान को खुली चुनौती भी दे रहे हैं.


