स्पेन ने ठुकराया ट्रंप का F-35, अमेरिका को नाटो में बड़ा झटका
नाटो देश स्पेन ने अमेरिकी स्टील्थ फाइटर जेट F-35 लेने से इनकार कर दिया है। बजट की तंगी और यूरोपीय विकल्पों पर भरोसे के चलते स्पेन ने यह बड़ा फैसला किया, जिससे अमेरिका को झटका लगा।

International News: स्पेन सरकार ने अमेरिका के स्टील्थ फाइटर जेट F-35 को न खरीदने का ऐलान कर दिया। ये फैसला ऐसे वक्त में आया है जब अमेरिकी सदर डोनाल्ड ट्रंप कई देशों पर इसे लेने का दबाव डाल रहे हैं। मैड्रिड में डिफेंस मिनिस्ट्री के प्रवक्ता ने साफ कहा कि अब उनकी एयरफोर्स यूरोप में बने जेट्स को प्राथमिकता देगी। यह कदम अमेरिका-स्पेन रिश्तों में भी नई हलचल पैदा कर सकता है।
यूरोपीय जेट पर भरोसा
स्पेन अब यूरोफाइटर और फ्यूचर कॉम्बैट एयर सिस्टम (FCAS) जैसे यूरोपीय विमानों पर गौर कर रहा है। यह दोनों जेट्स तकनीकी तौर पर भी उन्नत हैं और कीमत में भी F-35 से किफायती बताए जाते हैं। रक्षा विश्लेषकों के मुताबिक, यूरोपीय विमानों से सहयोग बढ़ने पर नाटो के भीतर एक नया संतुलन बनेगा।
बजट की तंगी का असर
स्पेन सरकार ने अपने 2023 बजट में 6.25 अरब यूरो नए विमानों के लिए रखे थे। लेकिन इस साल यूरोप में बढ़ते रक्षा खर्च की वजह से अमेरिकी जेट पर खर्च करना मुश्किल हो गया। रक्षा खर्च जीडीपी का 2 प्रतिशत करने का वादा भी आर्थिक हालात देख बदलना पड़ा। अब ये रकम यूरोपीय प्रोजेक्ट्स पर लगाई जाएगी।
अमेरिका को तगड़ा झटका
अमेरिका के लिए यह फैसला बड़ा झटका है क्योंकि F-35 उनका सबसे अहम हथियार निर्यात प्रोजेक्ट है। इस जेट को बनाने वाली अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन भी यूरोपीय मार्केट पर नजरें गड़ाए बैठी थी। स्पेन का मना करना बाकी देशों के लिए भी संकेत बन सकता है।
ट्रंप का दबाव बेअसर
अमेरिकी सदर डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों को F-35 लेने का ऑफर दिया था, जिसमें भारत भी शामिल था। लेकिन कीमत और मेंटेनेंस का खर्च इसकी सबसे बड़ी कमजोरी साबित हो रहा है। भारत समेत कई देशों ने अभी इस जेट पर कोई रुचि नहीं दिखाई है। ट्रंप का कड़ा रवैया भी यूरोपीय देशों को आकर्षित नहीं कर पाया।
वैश्विक मार्केट में बदलाव
विशेषज्ञ मानते हैं कि स्पेन के इस कदम से ग्लोबल डिफेंस मार्केट में नई हलचल होगी। यूरोप में बने जेट्स को अब ज्यादा मौके मिलेंगे और अमेरिका को अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है। रूस और चीन के जेट भी इस दौड़ में मजबूती से मौजूद हैं, जिससे मुकाबला और बढ़ेगा।
भारत पर भी नजरें
F-35 को लेकर भारत का रुख अभी साफ नहीं है, लेकिन अमेरिका चाहता है कि भारत इस डील में शामिल हो। ट्रंप प्रशासन भारत को रूस से दूर करके अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहा है। आने वाले महीनों में यह साफ होगा कि भारत किस तरफ झुकेगा।


