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Video : अमेरिका में घर में पूजा कर रहा था भारतीय परिवार, अचानक पहुंची फायर ब्रिगेड, फिर जो हुआ, हैरान कर देगा

टेक्सास में एक भारतीय परिवार द्वारा हवन करते समय धुएं को देखकर पड़ोसियों ने अग्निशमन विभाग को बुला लिया. फायरफाइटर्स ने पूजा स्थल का निरीक्षण किया जिससे सांस्कृतिक गलतफहमी को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. कुछ लोगों ने सुरक्षा की कमी पर सवाल उठाया तो कुछ ने इसे धार्मिक असहिष्णुता कहा. यह घटना प्रवासी भारतीयों के धार्मिक रीति-रिवाज़ों और स्थानीय कानूनों के बीच संतुलन पर बहस का कारण बनी.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

अमेरिका के टेक्सास राज्य के बेडफ़ोर्ड शहर में एक भारतीय परिवार द्वारा घर में किए जा रहे हवन के दौरान फायर डिपार्टमेंट की अचानक दखलअंदाज़ी का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि परिवार अपने गैरेज में पारंपरिक हिंदू हवन कर रहा है, जिससे काफी धुआं उठता है. इसी धुएं को देखकर पड़ोसियों ने आपात सेवा को सूचना दे दी, जिसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति की जांच शुरू कर दी.

 



लोगों ने इसे सांस्कृतिक गलतफहमी बताया
आपको बता दें कि यह घटना उस समय चर्चा में आ गई जब सोशल मीडिया पर इसे “Cultural misunderstanding 101” करार दिया गया. कई लोगों ने इस स्थिति को सांस्कृतिक गलतफहमी बताया, जहां स्थानीय नियम और धार्मिक परंपराएं टकरा गईं. कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने कहा कि अमेरिका में बने लकड़ी के घरों में इस तरह की अग्नि संबंधी गतिविधियां खतरनाक हो सकती हैं और इन्हें बिना अनुमति करना सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है. वहीं, कई यूज़र्स ने इसे धार्मिक असहिष्णुता की मिसाल बताया और सवाल उठाया कि अगर अमेरिका में खुले में बारबेक्यू करना आम है, तो धार्मिक हवन को लेकर आपत्ति क्यों?

प्रवासी भारतीयों के बीच बहस
वहीं, इस घटना ने प्रवासी भारतीयों के बीच बहस को जन्म दे दिया है कि अपनी परंपराओं और रीति-रिवाज़ों का पालन करते हुए स्थानीय क़ानूनों और सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान कैसे किया जाए. कुछ लोगों का मानना है कि प्रवासी समुदाय को अपनी धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखने के साथ-साथ उस देश की सामाजिक और कानूनी सीमाओं को भी समझने की ज़रूरत है जिसमें वे रह रहे हैं.

समझ, संवाद और संवेदनशीलता बेहद आवश्यक

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब कुछ ही दिन पहले लंदन के हैरो इलाके में पान की पीक से सड़कों को गंदा करने का मामला भी चर्चा में रहा. इन दोनों घटनाओं ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या प्रवासी अपने मूल देश की सांस्कृतिक आदतों को नए देश में उसी तरह अपना सकते हैं या उन्हें बदलना चाहिए? इन घटनाओं के ज़रिए यह स्पष्ट होता है कि बहुसांस्कृतिक समाज में समरसता बनाए रखने के लिए आपसी समझ, संवाद और संवेदनशीलता बेहद आवश्यक है. धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक ज़िम्मेदारी के बीच संतुलन ही किसी भी प्रवासी समुदाय की पहचान और सम्मान की कुंजी है.

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06 August 2025, 08:08 PM IST

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