श्रीलंका में सड़क हादसा: 100 मीटर नीचे बस गिरने से 17 लोगों की मौत, 25 घायल
श्रीलंका के पर्वतीय रामबोडा क्षेत्र में एक भीषण सड़क दुर्घटना में 17 लोगों की मौत हो गई और 25 अन्य घायल हो गए. सरकारी श्रीलंका परिवहन बोर्ड (एसएलटीबी) की एक बस गेरांडी एला में 100 मीटर गहरी खाई में गिर गई.

श्रीलंका के रामबोडा क्षेत्र में हुए एक भयावह बस हादसे ने पूरे देश को शोक में डाल दिया है. 11 मई, 2025 को गेरांडी एला में श्रीलंका परिवहन बोर्ड (एसएलटीबी) की एक बस 100 मीटर नीचे खाई में गिर गई, जिसमें 17 यात्रियों की मौत हो गई और 25 अन्य घायल हो गए. नुवारा एलिया-गाम्पोला सड़क पर हुई यह त्रासदी देश के पहाड़ी मार्गों पर लगातार बढ़ते खतरों को दर्शाती है. यहाँ इस घटना, इसके कारणों और प्रतिक्रिया पर विस्तृत जानकारी दी गई है.
दुखद घटना
यह दुर्घटना सुबह-सुबह हुई जब 40 से ज़्यादा यात्रियों को ले जा रही एक खचाखच भरी बस पहाड़ी इलाके में एक तीखे मोड़ पर नियंत्रण खो बैठी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वाहन संकरी सड़क से फिसलकर गहरी खाई में जा गिरा. मरने वालों में 17 लोग पुरुष, महिलाएँ और बच्चे थे, जबकि ड्राइवर को भी गंभीर चोटें आई हैं. 25 घायल यात्रियों को नज़दीकी अस्पतालों में ले जाया गया, जिनमें से गंभीर मामलों में कोलंबो के लिए हवाई मार्ग से ले जाया गया. निवासियों और आपातकालीन टीमों की मदद से बचाव अभियान को ऊबड़-खाबड़ इलाके की वजह से चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन जीवित बचे लोगों और पीड़ितों को निकालने में कामयाबी मिली.
कारण और योगदान कारक
प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि लापरवाह ड्राइविंग और खराब सड़क की स्थिति के संयोजन से दुर्घटनाएं हो सकती हैं. श्रीलंका की पहाड़ी सड़कें, जो अक्सर संकरी और खराब रखरखाव वाली होती हैं, ऐसी दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात हैं. वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि, विशेष रूप से बसों और दोपहिया वाहनों ने सड़क अवसंरचना विकास को पीछे छोड़ दिया है, जिससे जोखिम बढ़ गया है. 2023 के आंकड़ों से पता चलता है कि श्रीलंका में 2,557 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें पहाड़ी क्षेत्र विशेष रूप से खतरनाक हैं. विशेषज्ञ अपर्याप्त चालक प्रशिक्षण और यातायात कानूनों के ढीले प्रवर्तन को भी आवर्ती मुद्दों के रूप में उजागर करते हैं.
प्रतिक्रिया और सड़क सुरक्षा संबंधी चिंताएं
सरकार ने सख्त नियमन और बेहतर सड़क रखरखाव की माँग करते हुए जाँच शुरू की है. प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या ने संवेदना व्यक्त की और पीड़ितों के परिवारों को सहायता देने का वादा किया. इस त्रासदी ने सड़क सुरक्षा पर बहस को फिर से हवा दे दी है, जिसमें अधिवक्ताओं ने बेहतर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और यातायात कानून प्रवर्तन का आग्रह किया है. जबकि श्रीलंका इस नुकसान से जूझ रहा है, यह घटना भविष्य की भयावहता को रोकने के लिए प्रणालीगत सुधारों की तत्काल आवश्यकता की एक गंभीर याद दिलाती है.


