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पाकिस्तान से बढ़े तनाव के बीच ताइवान ने भारत को दिया खुला समर्थन, कहा – 'आतंकवाद से लड़ाई में India के साथ खड़े हैं'

भारत-पाक तनाव के बीच ताइवान ने खुलकर भारत का साथ दिया है. आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई को ताइवान ने जरूरी और सही बताया है. ताइवान के इस बयान से कूटनीतिक माहौल गर्मा गया है. जानिए ताइवान ने क्या कहा और क्यों ये भारत के लिए बड़ी बात मानी जा रही है...

Aprajita
Edited By: Aprajita

Taiwan Stands with India: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के माहौल में एक बड़ी कूटनीतिक खबर सामने आई है. ताइवान ने साफ शब्दों में भारत का समर्थन करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई को "वाजिब और जरूरी" बताया है. साथ ही, ताइवान ने सीमा पार से होने वाले आतंकवाद की सख्त निंदा की है.

क्या कहा ताइवान ने?

ताइवान के विदेश मंत्रालय (MOFA) ने बयान जारी कर कहा है कि वो भारत के उस हर कदम के साथ हैं, जो देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है और निर्दोष लोगों पर हमले करने वाली आतंकवादी ताकतों का जवाब देता है. बयान में यह भी कहा गया कि MOFA दुनिया भर के लोकतांत्रिक देशों के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है.

ताइवान ने खासतौर पर 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इसके बाद जो तनाव भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ा है, वह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है.

भारत की जवाबी कार्रवाई - ऑपरेशन सिंदूर

इस हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर सटीक और बड़ी कार्रवाई की थी. इस हमले में कई आतंकी मारे गए और उनके ठिकानों को नुकसान पहुंचाया गया. लेकिन इसी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी हमला करने की कोशिश की.

8 से 10 मई तक पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल के जरिए भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिशें की गईं. चार दिन तक सीमा पर तनाव बना रहा. आखिरकार दोनों देशों के बीच एक अस्थायी समझौता हुआ, जिससे हालात कुछ शांत हुए.

ताइवान का साथ क्यों मायने रखता है?

ताइवान भले ही एशिया का एक छोटा देश है, लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों और चीन के दबाव के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहना उसकी पहचान बन गई है. ऐसे में उसका भारत के साथ खुलकर आना और आतंकवाद के खिलाफ बोलना एक अहम कूटनीतिक संकेत है.

इस समर्थन से भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नैतिक ताकत भी मिलती है और एक संदेश भी जाता है कि आतंकवाद को लेकर भारत अकेला नहीं है.

भारत-पाक के बीच लगातार उभरते तनाव के माहौल में ताइवान का यह बयान काफी अहम है. जहां एक ओर भारत आतंकवाद से सख्ती से निपट रहा है, वहीं ताइवान जैसे लोकतांत्रिक देश का समर्थन मिलना भारत की रणनीतिक स्थिति को और मजबूत करता है. अब देखना ये होगा कि आने वाले समय में और कौन-कौन से देश इस मुद्दे पर भारत के समर्थन में सामने आते हैं.

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15 May 2025, 09:56 AM IST

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