पाकिस्तान में फिर आतंक की आग: सुसाइड बॉम्बर ने सैन्य पोस्ट को बनाया निशाना, 4 सैनिकों की मौत, महिलाएं-बच्चे समेत कई घायल
उत्तर वजीरिस्तान में आत्मघाती हमले में पाकिस्तानी चौकी निशाने पर आई, चार सैनिक शहीद हुए, कई नागरिक घायल हुए, जिसके बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से कड़ी कार्रवाई की मांग की।

नई दिल्ली: पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी इलाके उत्तर वजीरिस्तान में शुक्रवार को हुए एक भीषण आतंकी हमले ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया. सुसाइड कार बॉम्बर और तीन हथियारबंद हमलावरों ने एक गांव के पास स्थित सैन्य चौकी को निशाना बनाया, जिसके बाद घंटों चली मुठभेड़ में चार पाकिस्तानी सैनिक शहीद हो गए. इस हमले में कम से कम 15 नागरिक घायल हुए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल बताए जा रहे हैं.
यह इलाका खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आता है, जो अफगानिस्तान की सीमा से सटा हुआ है और लंबे समय से उग्रवादी गतिविधियों के लिए संवेदनशील माना जाता रहा है. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास के कई मकान ढह गए और स्थानीय लोगों को गंभीर चोटें आईं.
कैसे हमला को अंजाम दिया गया?
पाकिस्तानी सेना और स्थानीय पुलिस के अनुसार, हमलावरों ने पहले सैन्य चौकी की सुरक्षा घेराबंदी तोड़ने की कोशिश की. जब वे इसमें नाकाम रहे, तो विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी को चौकी की बाहरी दीवार से टकरा दिया गया. इसके बाद भारी गोलीबारी शुरू हो गई, जो घंटों तक चलती रही.
आसपास के घरों और मस्जिद को हुआ नुकसान
विस्फोट का असर इतना जबरदस्त था कि पास के कई घर और एक मस्जिद क्षतिग्रस्त हो गई. पुलिस ने बताया कि ढहते मकानों के मलबे में दबने से कई नागरिक घायल हुए. सेना के बयान के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान सभी हमलावरों को मार गिराया गया.
TTP पर लगाया गया आरोप
हालांकि किसी संगठन ने तुरंत इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने इसके लिए तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को जिम्मेदार ठहराया है. सेना का दावा है कि हमले की योजना अफगान सीमा के उस पार बनाई गई और वहीं से इसे निर्देशित किया गया. इस मामले पर अफगानिस्तान की ओर से तत्काल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई. अफगान तालिबान पहले भी यह कहते रहे हैं कि वे किसी भी देश के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देते, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है.
पाकिस्तान का कड़ा रुख
पाकिस्तानी सेना ने कहा कि उसे उम्मीद है कि अफगान तालिबान अपने क्षेत्र से आतंकियों को पाकिस्तान पर हमले करने से रोकेंगे. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि पाकिस्तान को आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार सुरक्षित है.
अफगान मिशन प्रमुख तलब
हमले के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय सक्रिय हुआ. मंत्रालय ने इस्लामाबाद में अफगान तालिबान के उप-मिशन प्रमुख को तलब कर औपचारिक विरोध दर्ज कराया. मंत्रालय के बयान में कहा गया कि अफगान भूमि से संचालित आतंकी हमलों के दोषियों और मददगारों के खिलाफ पूर्ण जांच और निर्णायक कार्रवाई की मांग की गई है.
दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्तों में हाल के महीनों में तनाव बढ़ा है. अक्टूबर में सीमा पर झड़पें हुई थीं, जब 9 अक्टूबर को काबुल में हुए विस्फोटों के लिए अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था. बाद में कतर की मध्यस्थता से युद्धविराम तो हुआ, लेकिन नवंबर में तुर्की में हुई बातचीत में कोई ठोस समझौता नहीं हो सका.


