300 साल पुराना विशाल मूंगा, जिसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है... समुद्र का है एक अनमोल रत्न

समुद्र की गहराइयों में एक विशाल मूंगा प्रवाल छिपा हुआ है, जिसकी उम्र 300 साल से भी ज्यादा है और इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है! इस अद्भुत जीव की लंबाई 105 फीट और चौड़ाई 110 फीट है, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा मूंगा प्रवाल बनाता है. फिनलैंड से लेकर समुद्र के दूसरे हिस्सों तक, वैज्ञानिक अब इसकी खोज पर गहरा शोध कर रहे हैं. जानिए इस विशाल मूंगे के बारे में और भी हैरान कर देने वाली बातें!

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Edited By: Aprajita

Coral Visible from Space: समुद्र की गहराइयों में अनेकों रहस्य छिपे होते हैं, जिनमें से एक बेहद खास और विशाल मूंगा प्रवाल है, जिसे अब तक की सबसे बड़ी समुद्री खोजों में से एक माना जा रहा है. इतना विशाल और अद्भुत होने के बावजूद, यह जीव केवल समुद्र की गहराइयों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी विशालता इतनी ज्यादा है कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है. यह मूंगा प्रवाल एक ऐसा जीव है, जो समुद्र के वातावरण में 300 साल से भी अधिक समय से सही-सलामत बना हुआ है.

समुद्र में छिपा एक अनोखा रहस्य

यह विशाल मूंगा प्रवाल, जिसे वैज्ञानिक रूप से पावोना क्लैवस कहा जाता है, फोटोग्राफर मनु सैन फेलिक्स द्वारा खोजा गया था. यह खोज 'प्रिस्टीन सीज' प्रोजेक्ट के तहत की गई थी, जब मनु सैन फेलिक्स ने नेशनल ज्योग्राफिक के अभियान के दौरान सोलोमन द्वीप के पास प्रशांत महासागर में गोताखोरी की. इस मूंगे की सबसे खास बात यह है कि यह समुद्री एनीमोन और जेलीफिश का करीबी रिश्तेदार है और समुद्र तल पर चट्टानों से जुड़कर विशाल कॉलोनियां बनाता है.

आकार में है अविश्वसनीय विशाल

इस विशालकाय मूंगे की लंबाई करीब 105 फीट, चौड़ाई 110 फीट और ऊंचाई लगभग 18 फीट है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े मूंगा प्रवालों में से एक बनाता है. इतनी विशालता के बावजूद, इसे वैज्ञानिकों के अनुसार जलवायु परिवर्तन और समुद्री प्रदूषण के बावजूद 300 साल से बचकर रखा है, जो यह साबित करता है कि कुछ समुद्री संरचनाएं समय के साथ खुद को बचाए रख सकती हैं.

अंतरिक्ष से भी देखी जा सकती है ये संरचना

मूंगा प्रवाल की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे नेशनल ज्योग्राफिक के अनुसार, अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है. यह एक अप्रत्याशित खोज है, जिसे वैज्ञानिक मौली टिम्मर्स ने बहुत चौंकाने वाली बताया. इनकी खोज ने न केवल समुद्र के रहस्यों को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि समुद्र में अभी भी बहुत सी अनदेखी संरचनाएं हो सकती हैं.

समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज से समुद्री पारिस्थितिकी और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझने में मदद मिल सकती है. पावोना क्लैवस प्रवाल भित्तियों पर जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और मछली पकड़ने के बढ़ते खतरों का सामना कर रहा है, लेकिन अब तक इसे कम चिंताजनक श्रेणी में रखा गया है. हालांकि, समुद्र में और भी कई अज्ञात विशाल मूंगा कॉलोनियां हो सकती हैं, जैसा कि अमेरिका के समोआ में पहले एक विशाल मूंगा कॉलोनी मिली थी, लेकिन यह उससे 12 मीटर लंबी है.

वैज्ञानिकों का आश्चर्य

ब्रिटेन की प्लायमाउथ समुद्री प्रयोगशाला की वैज्ञानिक हेलेन फाइंडले ने भी इस खोज पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि यह वास्तव में हैरान करने वाली बात है कि अब तक किसी ने इसे नहीं देखा. इस मूंगे पर अब शोध किया जा रहा है, ताकि इसकी जीवनशैली और संरक्षण को समझा जा सके.

इस खोज ने न केवल समुद्र की गहराइयों में एक और रहस्य उजागर किया है, बल्कि यह समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र और जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हो सकती है. यह मूंगा प्रवाल एक ऐसी समुद्री संरचना है, जो समय और समुद्र के खतरों का सामना करते हुए आज भी जीवित है, और यह हमें समुद्र की शक्ति और उसके अनमोल रत्नों के बारे में सोचने पर मजबूर करता है.

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13 March 2025, 10:34 PM IST

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