महीनेभर के शटडाउन से बढ़ी अमेरिकी राष्ट्रपति की टेंशन, अब डोनाल्ड ट्रंप को सताने लगा इस बात का डर
अमेरिका में 31 दिनों से जारी सरकारी शटडाउन के बीच राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रिपब्लिकन नेताओं से फिलिबस्टर खत्म करने की अपील की. उन्होंने चेताया कि डेमोक्रेट्स मौका मिलते ही इसे हटाकर सुप्रीम कोर्ट और इलेक्टोरल सिस्टम को अपने पक्ष में करेंगे. शटडाउन ने प्रशासनिक कामकाज और अर्थव्यवस्था पर असर डाला है.

वॉशिंगटनः अमेरिका में पिछले 31 दिनों से जारी सरकारी शटडाउन के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है. इसी बीच राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अपनी रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं से फिलिबस्टर खत्म करने की मांग की है. उनका कहना है कि अगर डेमोक्रेट्स को मौका मिला, तो वे इस संसदीय प्रक्रिया का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए करेंगे.
ट्रंप का तीखा हमला डेमोक्रेट्स पर
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “डेमोक्रेट्स पहला मौका मिलते ही फिलिबस्टर को खत्म कर देंगे. वे सुप्रीम कोर्ट को अपने पक्ष में करेंगे, दो नए राज्य जोड़ेंगे और आठ इलेक्टोरल वोट बढ़ा लेंगे. इसलिए रिपब्लिकन नेताओं को कमजोर या मूर्ख नहीं बनना चाहिए. लड़ो और जीत हासिल करो.”
उन्होंने कहा कि विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी देश की संवैधानिक और संस्थागत संतुलन व्यवस्था को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रही है. ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर रिपब्लिकन दल ने समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए, तो देश में सत्ता संतुलन पूरी तरह डेमोक्रेट्स के पक्ष में चला जाएगा.
क्या है फिलिबस्टर?
फिलिबस्टर अमेरिकी संसदीय परंपरा का एक अहम हिस्सा है. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत कोई भी सांसद किसी विधेयक पर चर्चा को अनिश्चितकाल तक बढ़ा सकता है, ताकि उस पर मतदान टल जाए या विधेयक पारित होने में देरी हो. यह तरीका अक्सर विपक्षी दलों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है ताकि सत्ताधारी पार्टी के विधेयक को रोकने या संशोधित करने का दबाव बनाया जा सके.
फिलिबस्टर को समाप्त करने के लिए अमेरिकी सीनेट में 100 में से कम से कम 60 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है. यही वजह है कि यह अमेरिकी राजनीति में एक शक्तिशाली उपकरण माना जाता है. फिलिबस्टर का अब तक का सबसे लंबा रिकॉर्ड डेमोक्रेट सांसद कोरी बुकर के नाम है, जिन्होंने अप्रैल 2025 में 25 घंटे तक लगातार भाषण दिया था.
शटडाउन ने बढ़ाई मुश्किलें
अमेरिका में 31 दिनों से जारी सरकारी शटडाउन ने न केवल प्रशासनिक कामकाज ठप कर दिया है, बल्कि लाखों सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह और सार्वजनिक सेवाओं पर भी असर डाला है. यह ट्रंप के कार्यकाल में अब तक का सबसे लंबा शटडाउन बन गया है, जिसने 2018-19 के 35 दिन के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया.
ट्रंप ने इस शटडाउन के लिए डेमोक्रेट नेता चक शूमर को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे “शूमर शटडाउन” नाम दिया है. उनका आरोप है कि डेमोक्रेटिक पार्टी जानबूझकर प्रशासनिक प्रक्रियाओं को रोक रही है ताकि रिपब्लिकन सरकार की साख को नुकसान पहुंचाया जा सके.
सत्ता संघर्ष का बढ़ता असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की यह अपील 2024 के बाद की अमेरिकी राजनीति को प्रभावित कर सकती है. रिपब्लिकन पार्टी फिलिबस्टर को खत्म कर अपने विधायी एजेंडे को तेजी से लागू करना चाहती है, जबकि डेमोक्रेट्स इसे अपनी रक्षा कवच के रूप में देखते हैं.
अमेरिका में यह शटडाउन न केवल आर्थिक गतिविधियों पर असर डाल रहा है बल्कि दोनों पार्टियों के बीच सत्ता संघर्ष को भी और गहराई दे रहा है. फिलहाल सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि क्या रिपब्लिकन पार्टी ट्रंप की अपील पर कदम उठाती है या नहीं.


