विपक्ष की जिद के आगे हारे ट्रंप, अमेरिका में 21वीं बार हुआ शटडाउन, जानें क्या हैं Opposition के पास शक्तियां
अमेरिकी संविधान के अनुसार, कांग्रेस की मंजूरी के बिना सरकार खर्च नहीं कर सकती. बजट पास न होने पर गैर-जरूरी सेवाएं बंद करनी पड़ती हैं, जिसे शटडाउन कहते हैं. 21वीं बार सरकार ठप हुई है क्योंकि सीनेट में जरूरी वोट नहीं मिले. एंटीडेफिशिएंसी एक्ट इस प्रक्रिया को वैध बनाता है.

US government shutdown: अमेरिका का संविधान साफ कहता है कि संघीय सरकार केवल तभी खर्च कर सकती है जब उसे संसद (कांग्रेस) की मंजूरी मिले. संविधान के अनुच्छेद 1 के अनुसार, खजाने से कोई भी रकम तभी निकाली जा सकती है, जब इसके लिए कोई कानून पहले से पारित किया गया हो. इस सिद्धांत के तहत सरकार के पास बजट की मंजूरी नहीं होने पर, उसे गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद करनी पड़ती हैं. यही स्थिति शटडाउन कहलाती है.
21वीं बार सरकार ठप
पिछले पांच दशकों में यह 21वीं बार है जब अमेरिका की सरकार को बजट न पास होने के कारण शटडाउन का सामना करना पड़ा है. इस बार भी कांग्रेस में रात भर चर्चा के बाद कोई हल नहीं निकल पाया. सरकारी विभागों के लिए जरूरी फंडिंग पर सहमति न बन पाने की वजह से एजेंसियों को कामकाज रोकना पड़ा है.
सीनेट में क्यों अटका बजट?
इस बार रिपब्लिकन पार्टी के पास राष्ट्रपति पद और दोनों सदनों में बहुमत होते हुए भी, उन्हें सीनेट में बजट पास कराने के लिए 60 वोटों की जरूरत थी. वजह यह थी कि डेमोक्रेट पार्टी ने फिलिबस्टर यानी बहस खींचने की रणनीति अपनाई ताकि प्रस्ताव पास न हो सके. रिपब्लिकन के पास सीनेट में केवल 53 सीटें हैं, जबकि डेमोक्रेट्स के पास 45 और 2 स्वतंत्र सदस्य हैं. ऐसे में जरूरी संख्या नहीं जुट पाई और सरकार को शटडाउन की घोषणा करनी पड़ी.
डेमोक्रेट्स नहीं झुके
डेमोक्रेटिक पार्टी अपने रुख पर अड़ी रही और किसी समझौते के लिए तैयार नहीं हुई. इससे कोई भी मध्यस्थ समाधान निकल नहीं सका. नतीजतन, सरकारी एजेंसियों के पास काम जारी रखने के लिए फंडिंग नहीं बची और उन्हें सेवाएं रोकनी पड़ीं.
क्या है एंटीडेफिशिएंसी एक्ट?
1884 में बने और 1950 में संशोधित Antideficiency Act के अनुसार, सरकार ऐसा कोई खर्च नहीं कर सकती जो कांग्रेस से पहले से मंजूर न हो. इस कानून का उद्देश्य यह था कि सरकारी विभाग अपनी मर्जी से खर्च कर कांग्रेस को दबाव में न डाल सकें. पहले, कुछ विभाग साल की शुरुआत में ही सारा बजट खत्म कर देते थे. इस कानून ने इसे रोकने के लिए कांग्रेस की स्वीकृति को अनिवार्य बना दिया.
1980 से लागू हुआ शटडाउन का नियम
हालांकि, लंबे समय तक सरकार मानती रही कि यह प्रतिबंध केवल कुछ खर्चों पर लागू होता है, लेकिन 1980-81 में तत्कालीन राष्ट्रपति जिमी कार्टर के अटॉर्नी जनरल बेंजामिन सिविलेत्ती ने स्पष्ट किया कि यह नियम सालाना बजट पर भी लागू होता है. इसके बाद से, जैसे ही बजट पास नहीं होता, सरकार को गैर-जरूरी सेवाएं रोकनी पड़ती हैं और शटडाउन की स्थिति बन जाती है.


