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ये है धरती का सबसे खतरनाक इलाका! जहां हर कदम पर मंडराता है तबाही का खतरा

रूस का कामचटका प्रायद्वीप 'पैसिफिक रिंग ऑफ फायर' का हिस्सा है, जहां भूकंप, ज्वालामुखी और सुनामी जैसी आपदाएं आम हैं. इस क्षेत्र की भूगर्भीय अस्थिरता इसे दुनिया के सबसे खतरनाक प्राकृतिक जोन में शामिल करती है.

रूस का कामचटका प्रायद्वीप ना केवल अपने ज्वालामुखियों और गैसर घाटियों के लिए मशहूर है, बल्कि ये धरती की सबसे अस्थिर भूगर्भीय पट्टियों में से एक है. यहां भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाएं आम बात हैं. यह क्षेत्र प्रशांत महासागर के उस घोड़े की नाल जैसे क्षेत्र का हिस्सा है जिसे 'पैसिफिक रिंग ऑफ फायर' कहा जाता है- जहां धरती की टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं.

कामचटका का हर कोना प्राकृतिक रोमांच से भरा है- चाहे वह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी गैसर घाटी हो या पारंपरिक जीवन जीते हुए स्थानीय आदिवासी समुदाय. लेकिन इस सुंदरता के पीछे छिपा है एक भयानक और विनाशकारी भूगोल, जहां जमीन का हिलना सुनामी को जन्म देता है और हर कंपन एक चेतावनी बनकर उभरता है.

पैसिफिक रिंग ऑफ फायर का केंद्र है कामचटका

कामचटका प्रायद्वीप ‘Pacific Ring of Fire’ यानी ‘प्रशांत अग्नि वलय’ का हिस्सा है, जो विश्व के सबसे ज्यादा भूकंपीय और ज्वालामुखीय गतिविधियों वाले क्षेत्रों में से एक है. ये घोड़े की नाल के आकार में फैला हुआ वो इलाका है जहां टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियां सबसे ज्यादा होती हैं. कामचटका की वैली ऑफ गैसर्स (Valley of Geysers) दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी गैसर घाटी मानी जाती है. यहां धरती से गर्म पानी के फव्वारे और भाप निकलते हैं, जो हर पल इस बात की याद दिलाते हैं कि यह जमीन स्थिर नहीं, जीवित है. यह क्षेत्र यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है.

पारंपरिक संस्कृति की परछाइयों में आदिवासी जीवन

कामचटका में कोर्याक, इटेलमेन और एवेन जैसे आदिवासी समुदाय आज भी पारंपरिक जीवनशैली, लोक नृत्य और रीति-रिवाजों को सहेज कर जी रहे हैं. इनके जीवन में प्रकृति और पृथ्वी का विशेष महत्व है, जो इस क्षेत्र की संवेदनशीलता को और गहरा बना देता है. कामचटका प्रायद्वीप लगभग 1,250 किलोमीटर लंबा है और यह उत्तर प्रशांत महासागर तथा ओखोत्स्क सागर के बीच स्थित है. यह क्षेत्र जनसंख्या की दृष्टि से अपेक्षाकृत विरल है, लेकिन भूगर्भीय दृष्टि से अत्यधिक सक्रिय है. यहां के ग्लेशियर, हॉट स्प्रिंग्स और जंगल इसे एक अनोखा पर्यटन स्थल भी बनाते हैं.

कुरील-कामचटका ट्रेंच

कामचटका के पास स्थित कुरील-कामचटका ट्रेंच (Kuril-Kamchatka Trench) भूगर्भीय दृष्टि से अत्यंत सक्रिय क्षेत्र है, जहां प्रशांत प्लेट (Pacific Plate) ओखोत्स्क प्लेट (Okhotsk Plate) के नीचे खिसक रही है. इस प्रक्रिया को सबडक्शन कहा जाता है, जो तीव्र भूकंपों का कारण बनती है.

सुनामी का खतरा हमेशा बना रहता है

जब टेक्टोनिक प्लेटों में अचानक गति होती है तो समुद्र तल में जोरदार उथल-पुथल मचती है, जिससे सुनामी उत्पन्न होती है. कामचटका क्षेत्र में 1737, 1841 और 1952 में विनाशकारी भूकंप आए, जिन्होंने बड़ी सुनामी को जन्म दिया. खासतौर पर 1952 की सुनामी ने सेवेरो-कुरील्स्क शहर को पूरी तरह तबाह कर दिया था, जिसमें 2,336 लोगों की मौत हुई थी.

विशेषज्ञों के अनुसार, कामचटका में अधिक तीव्रता और उथली गहराई वाले भूकंप सबसे बड़ी सुनामियों का कारण बनते हैं. इसलिए ये क्षेत्र वैश्विक स्तर पर लगातार निगरानी में रखा जाता है.

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01 August 2025, 03:31 PM IST

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