हजारों सड़ रहे हैं जेलों में... सऊदी अरब में 170 पाकिस्तानियों को दी गई फांसी, पाक मीडिया का बड़ा खुलासा
हाल के सालों में सऊदी अरब, UAE और बाकी खाड़ी देशों में पाकिस्तानी नागरिकों के व्यवहार को लेकर बार-बार सवाल उठ रहे हैं. इन देशों की सरकारें और वहां की जनता अक्सर शिकायत करती रही है कि कुछ पाकिस्तानी अवैध गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं चाहे वह नकली दस्तावेज बनाना हो, वीजा नियम तोड़ना हो, या छोटे-मोटे अपराध.

नई दिल्ली: सऊदी अरब में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की चिंताजनक स्थिति एक बार फिर सुर्खियों में है. ताजा रिपोर्टों में खुलासा हुआ है कि सऊदी में गिरफ्तार होने और सजा पाने वालों में पाकिस्तानियों की संख्या सबसे अधिक है. वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार जाहिद गिश्कोरी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले एक दशक में अपराध के मामलों में पाकिस्तानियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों और दी गई सजाओं की संख्या किसी भी अन्य देश के मुकाबले कहीं ज्यादा है.
जाहिद के अनुसार, सऊदी अरब में 2014 से 2024 के बीच 170 पाकिस्तानी नागरिकों को फांसी दी गई है. हत्या और गंभीर आपराधिक मामलों में दी गई ये सजाएं पाकिस्तान सरकार और दूतावास की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं. पत्रकार ने सऊदी सरकार और विभिन्न एनजीओ से जुटाए गए डेटा के आधार पर चेतावनी दी है कि यह मुद्दा अब पाकिस्तानी नेतृत्व के लिए बड़ा संकट बन चुका है.
सऊदी जेलों में बंद पाकिस्तानी
जाहिद गिश्कोरी के मुताबिक, सऊदी में पिछले बुधवार को भी एक पाकिस्तानी नागरिक को फांसी दी गई, जिससे यह साफ है कि कानूनी कार्रवाई की सख्ती लगातार बढ़ रही है. साल 2024 पाकिस्तानियों के लिए सबसे कठिन वर्ष रहा, क्योंकि उस वर्ष ही 21 पाकिस्तानी कैदियों को फांसी दी गई. उन्होंने बताया कि 2014 में 12 पाकिस्तानी, 2015 में 14, 2016 में 5, 2017 में 13, 2018 में 18, 2019 में 1 पाकिस्तानी को फांसी दी गई थी. ये सभी सजाएं अलग-अलग मामलों में सुनाई गई थीं और 2025 में भी तीन पाकिस्तानी को मौत की सजा.
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 में अब तक तीन पाकिस्तानी नागरिकों को फांसी दी जा चुकी है. वर्तमान में सऊदी अरब की जेलों में 7,000 से अधिक पाकिस्तानी कैदी बंद हैं, जिनमें से 28 को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है और उन पर कानूनी कार्यवाही जारी है. इसके अलावा, 22 पाकिस्तानी महिलाएं भी सऊदी की जेलों में कैद हैं, जिनमें से दो को फांसी की सजा दी जा चुकी है.
पाकिस्तान सरकार की भूमिका पर बड़े सवाल
जाहिद गिश्कोरी ने अपनी रिपोर्ट में गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि सऊदी में पाकिस्तानियों को बचाने के लिए हमारी सरकार और दूतावास कहीं भी सक्रिय दिखाई नहीं देते. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि छोटे-मोटे मामलों में कैद वे लोग भी मदद से वंचित हैं, जिन्हें साधारण जुर्माना भरकर रिहा कराया जा सकता है. पत्रकार के मुताबिक सऊदी में पाकिस्तानियों को सबसे ज्यादा फांसी हो रही है, और यह साफ संकेत है कि अपनी ही जनता को बचाने में पाकिस्तान सरकार पूरी तरह नाकाम है.


