बड़ा गेम! UAE ने सऊदी को चकमा देकर हूती के नाम पर छीन लिया तेल से भरा पूरा सोकोट्रा द्वीप!
जैसे ही यमन में हूती विद्रोहियों की ताकत घटने लगी, संयुक्त अरब अमीरात ने चालाकी से अपने पत्ते खेले. UAE ने दक्षिण यमन की सबसे मजबूत ताकत, साउथर्न ट्रांजिशनल काउंसिल को आगे बढ़ाया और पीछे से पूरा सपोर्ट दिया.पहला निशाना बना हदरमौत प्रांत – जो तेल और बंदरगाहों से भरा हुआ है. चुपचाप, तेजी से और बिना ज्यादा शोर के STC ने पूरे इलाके पर कब्जा जमा लिया.

नई दिल्ली: मध्य पूर्व में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा तेज होती जा रही है. सूडान के गृहयुद्ध में सऊदी द्वारा अमेरिका को शामिल कर यूएई पर दबाव बढ़ाने के बाद अब यूएई ने यमन में सऊदी के लिए नया संकट खड़ा कर दिया है. ताजा घटनाक्रम में यूएई ने तेल से जुड़े अपने खेल के जरिए सऊदी के प्रभाव क्षेत्र में सीधी चुनौती पेश कर दी है. सऊदी ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन क्षेत्रीय विशेषज्ञ इसे बड़ा भू-राजनीतिक झटका बता रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक समय सऊदी और यूएई मिलकर हूती विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रहे थे, लेकिन अब यूएई समर्थित दक्षिण संक्रमणकालीन परिषद (एसटीपी) स्वतंत्र रूप से यमन में अपने प्रभाव का दायरा बढ़ा रही है. यह स्थिति सऊदी के लिए चिंता का कारण बनी हुई है, क्योंकि यदि एसटीपी पूरे यमन पर नियंत्रण हासिल कर लेता है तो लाल सागर में यूएई का दबदबा बढ़ जाएगा.
राजधानी सना की ओर बढ़ रही एसटीपी की सेना
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट बताती है कि हद्रामौत पर कब्जा करने के बाद एसटीपी के लड़ाके अब राजधानी सना की ओर बढ़ रहे हैं, जिस पर फिलहाल हूती विद्रोहियों का नियंत्रण है. यमन मॉनिटर के मुताबिक, यमन के कुल तेल भंडारों में से काफी बड़ा हिस्सा हद्रामौत में स्थित है, जिसे देश का तेल का कुआं कहा जाता है. एसटीपी को यहां जीत की उम्मीद दो प्रमुख आधारों पर है-
इजराइल और अमेरिका ने हूती को अपने रडार पर ले लिया है. अगर हूती विद्रोही एसटीपी से मुकाबला करते हैं तो उन्हें खुले में आना पड़ेगा, जिससे इजराइल के लिए एयरस्ट्राइक करना आसान हो जाएगा.
इजराइली हमलों में हूती के कई कमांडर मारे जा चुके हैं और हथियारों की भारी कमी है. ईरान से भी संबंध पहले जैसे मजबूत नहीं रहे हैं. इन कारणों से एसटीपी को बढ़त मिल सकती है. अब तक हूती ने एसटीपी की इस कार्यवाही पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
सऊदी के लिए यह बड़ा झटका क्यों?
यमन तेल और खनिज संसाधनों से समृद्ध देश है. यदि एसटीपी वहां नियंत्रण स्थापित करता है, तो यूएई इन संसाधनों का आर्थिक रूप से सीधा लाभ उठा सकता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, यूएई हथियार और सैन्य सहायता के बदले यमन से तेल और खनिज पदार्थ ले सकता है:- जैसा कि वह सूडान में भी कर रहा है.
लाल सागर तक यूएई की पहुंच सबसे बड़ा खतरा
यमन का भू-स्थान बेहद रणनीतिक है. यह लाल सागर के कॉर्नर पर स्थित है, जहां अब तक सऊदी का मजबूत प्रभाव रहा है. लाल सागर से दुनिया के 12% से अधिक अंतरराष्ट्रीय व्यापार का आवागमन होता है. यदि एसटीपी के जरिए यूएई यहां प्रभाव बढ़ाता है, तो मध्य पूर्व की राजनीतिक और आर्थिक शक्ति संतुलन में बड़ा बदलाव संभव है.


