ट्रंप शांति लाते हैं, कमेटी बस बातें करती...अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल न मिलने पर बोले PM नेतन्याहू
Netanyahu supports Trump Nobel : डोनाल्ड ट्रंप को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने पर इजरायल और रूस जैसे देशों ने नाराजगी जताई है. पीएम नेतन्याहू और राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप के शांति प्रयासों की तारीफ की, जबकि व्हाइट हाउस ने नोबेल कमेटी पर राजनीति को तरजीह देने का आरोप लगाया. ट्रंप ने गाजा में शांति योजना का दावा किया है. मारिया कोरिना मचाडो को यह पुरस्कार दिया गया है.

Netanyahu supports Trump Nobel : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार से वंचित किए जाने पर दुनिया भर में प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. इस पर खासतौर पर इजरायल और रूस जैसे देशों ने खुलकर ट्रंप का समर्थन किया है और नोबेल कमेटी की आलोचना की है. वहीं, इस साल यह प्रतिष्ठित पुरस्कार वेनेजुएला की लोकतंत्र समर्थक नेता मारिया कोरिना मचाडो को मिला है. आइए विस्तार से जानते हैं इस पूरे घटनाक्रम को...
ट्रंप को नोबेल से क्यों किया गया वंचित?
नेतन्याहू ने ट्रंप को बताया 'शांति का निर्माता'
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप का समर्थन करते हुए कहा कि “नोबेल कमेटी केवल शांति की बात करती है, लेकिन ट्रंप उसे हकीकत में बदलते हैं.” उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक एआई-जनित तस्वीर भी पोस्ट की, जिसमें वह खुद ट्रंप को नोबेल पुरस्कार सौंपते दिख रहे हैं. नेतन्याहू पहले भी ट्रंप के नाम की सिफारिश कर चुके हैं.
व्हाइट हाउस ने कमेटी पर लगाया पक्षपात का आरोप
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने नोबेल समिति पर "शांति से अधिक राजनीति को प्राथमिकता देने" का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ट्रंप बिना पुरस्कार के भी शांति समझौते करते रहेंगे, युद्ध समाप्त करेंगे और लोगों की जान बचाएंगे.
ट्रंप ने शांति के लिए बहुत कुछ किया...पुतिन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि ट्रंप ने विशेष रूप से मध्य पूर्व में शांति की दिशा में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह तय करना उनका काम नहीं है कि ट्रंप नोबेल पुरस्कार के योग्य हैं या नहीं, लेकिन साथ ही यह टिप्पणी भी की कि नोबेल की विश्वसनीयता पहले जैसी नहीं रही.
मारिया कोरिना मचाडो बनीं विजेता
इस बार का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की लोकतंत्र समर्थक और तानाशाही विरोधी नेता मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया है. वह 2024 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ना चाहती थीं लेकिन वेनेजुएला की अदालत ने उन पर रोक लगा दी थी. मचाडो को यह पुरस्कार देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष के सम्मान में दिया गया है.
ट्रंप के लिए नामांकन, लेकिन पुरस्कार नहीं
जून 2024 में नेतन्याहू ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था और यह पत्र सार्वजनिक रूप से उन्हें सौंपा भी था. उन्होंने कहा था कि ट्रंप दुनिया के विभिन्न हिस्सों में एक के बाद एक शांति स्थापित कर रहे हैं. इसके बावजूद, नोबेल कमेटी ने मचाडो को चयनित कर ट्रंप को नजरअंदाज किया.
ट्रंप को नोबेल पुरस्कार न मिलना एक बड़ा राजनीतिक विवाद बनता जा रहा है. उनके समर्थक देशों का कहना है कि ट्रंप ने जितने शांति प्रयास किए, उतने कम ही नेताओं ने किए हैं. वहीं, नोबेल समिति पर यह आरोप लग रहे हैं कि वह शांति से अधिक राजनीति को प्राथमिकता दे रही है. अब देखना यह है कि भविष्य में ट्रंप को यह सम्मान मिल पाता है या नहीं.


