ट्रंप ने दिए संकेत, अमेरिकी कंपनियों को मिलेगा भारतीय बाज़ार में प्रवेश
अमेरिका और भारत एक सीमित व्यापार समझौते के बेहद करीब हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में बेहतर पहुंच मिल सकती है. ट्रंप की टैरिफ नीति और दबाव रणनीति के चलते अमेरिका ने कई देशों के साथ फायदेमंद व्यापार समझौते किए हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया कि अमेरिका और भारत एक व्यापार समझौते के बेहद करीब हैं. ओवल ऑफिस में बहरीन के क्राउन प्रिंस सलमान बिन हमद अल खलीफा के साथ बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा कि जल्द ही भारत अपने बाज़ार अमेरिकी कंपनियों के लिए खोलेगा. ट्रंप ने दोहराया कि दोनों देशों के बीच बातचीत अंतिम चरण में है और एक ठोस समझौता जल्द सामने आ सकता है.
कई देशों के साथ अमेरिका के व्यापार समझौते
एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने कई देशों के साथ बेहतरीन व्यापार समझौते किए हैं. भारत के साथ भी एक अहम समझौता जल्द हो सकता है. उन्होंने कहा कि मुझे बस एक पत्र भेजना है और उस पत्र के बाद समझौता तय हो जाएगा. उसमें हम 20% से 35% तक शुल्क तय करेंगे.
इस बयान के बीच भारत के वाणिज्य मंत्रालय का एक प्रतिनिधिमंडल नई व्यापार वार्ता के लिए अमेरिका पहुंचा हुआ है. कुछ दिन पहले ही भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया था कि भारत किसी समयसीमा के दबाव में व्यापार समझौता नहीं करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा था कि कोई भी समझौता तभी स्वीकार्य होगा जब वह देश के राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हो और पूरी तरह से बातचीत के बाद अंतिम रूप दिया जाए.
क्या है अमेरिका का उद्देश्य?
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका का उद्देश्य भारतीय बाजारों तक सीधी पहुंच हासिल करना है. उन्होंने बताया कि पहले अमेरिका को भारत जैसे देशों में व्यापार के लिए उचित पहुंच नहीं मिलती थी, लेकिन अब टैरिफ नीतियों के जरिए अमेरिकी कंपनियों के लिए द्वार खुल रहे हैं.
ट्रंप ने जोर देकर कहा कि उनके शासन की व्यापार नीति, खासकर टैरिफ लगाने की रणनीति, अमेरिकी व्यापार के लिए फायदेमंद रही है. उन्होंने बताया कि पहले हमें कई देशों में घुसने नहीं दिया जाता था, लेकिन अब हमारी पहुंच बन रही है. भारत और अमेरिका एक सीमित व्यापार समझौते पर विचार कर रहे हैं जिसमें कुछ उत्पादों और सेवाओं पर टैरिफ 20% से नीचे रखने का प्रस्ताव है.


