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ट्रंप-पुतिन के बीच चली तीन घंटे तक वार्ता, नहीं निकला कोई हल; 10 प्वॉइंट्स में समझें पूरी बातचीत

अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ढाई घंटे लंबी वार्ता यूक्रेन युद्ध पर किसी ठोस समझौते के बिना खत्म हुई, पुतिन ने मॉस्को में अगली बैठक का निमंत्रण दिया, ट्रंप ने इसे "संभावना" बताया और दोनों नेताओं ने शांति की बात की लेकिन असहमति बरकरार रही.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

US Russia talks: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को ढाई घंटे से अधिक समय तक चली वार्ता लगभग चार साल पुराने यूक्रेन युद्ध को हल करने या रोकने के लिए किसी समझौते के बिना समाप्त हो गई. 2018 के बाद यह पहली बार था जब दोनों की मुलाकात हुई. वे एंकोरेज स्थित ज्वाइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में अपने-अपने शीर्ष सहयोगियों के साथ तीन-तीन लोगों की बैठक के लिए एकत्रित हुए.

पुतिन के साथ बैठक से पहले ट्रंप ने कहा था कि वह दो चीजें चाहते हैं. लड़ाई तुरंत बंद हो और रूसी नेता की ओर से यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से जल्द ही मिलने की दृढ़ प्रतिबद्धता. हालांकि कोई समझौता नहीं हुआ, पुतिन ने ट्रंप को मॉस्को में दूसरे दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया.

1. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अभी भी कुछ अहम मुद्दों पर असहमति है और जब तक कोई समझौता नहीं होता, तब तक कोई समझौता नहीं होता और उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ प्रगति के बावजूद हम उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाए. उन्होंने कहा कि कई बिंदुओं पर सहमति बन गई है लेकिन कुछ अभी भी बाकी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एक सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह क्या है. उन्होंने यह कहकर समापन किया कि वह शायद जल्द ही पुतिन से फिर मिलेंगे, जिस पर रूसी नेता ने जवाब दिया, अगली बार मास्को में.

अगर ट्रंप होते राष्ट्रपति तो नहीं होता रूस यूक्रेन युद्ध- पुतिन

2. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने में रुचि रखते हैं, जिसे उन्होंने त्रासदी बताया, लेकिन ज़ोर देकर कहा कि रूस को पहले संघर्ष के प्राथमिक कारणों का समाधान करना चाहिए. उन्होंने यूक्रेन और यूरोप को किसी भी वार्ता को नष्ट न करने की चेतावनी दी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी मुलाकात को समाधान की शुरुआत बताया. पुतिन ने ट्रंप के साथ अपने संबंधों को व्यावसायिक बताया और ट्रंप के इस दावे से सहमति जताई कि अगर वह 2020 के चुनाव के बाद भी पद पर बने रहते तो युद्ध शुरू नहीं होता.

अगली बैठक मॉक्को में

3. प्रेस कॉन्फ्रेंस के आखिर में व्लादिमीर पुतिन ने अंग्रेजी में बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप को अगले दौर की शांति वार्ता के लिए मॉस्को आने का व्यक्तिगत निमंत्रण दिया. ट्रंप ने इस प्रस्ताव को दिलचस्प बताया और कहा कि यह एक संभावना है, हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें इस पर थोड़ी आलोचना का सामना करना पड़ सकता है. फिर भी, उन्होंने आगे कहा मुझे लगता है कि यह संभव हो सकता है.

4. पुतिन ने बातचीत के दोस्ताना लहजे के लिए ट्रंप का शुक्रिया अदा किया और कहा कि रूस और अमेरिका को अपने पन्ने पलटकर सहयोग की राह पर लौटना चाहिए. उन्होंने ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें इस बात का साफ अंदाजा है कि वे क्या हासिल करना चाहते हैं और अपने देश की समृद्धि की उन्हें सच्ची परवाह है और साथ ही वे यह भी समझते हैं कि रूस के अपने राष्ट्रीय हित भी हैं.

तीन घंटे तक चली बैठक

5. ट्रंप और पुतिन ने लगभग तीन घंटे की बैठक के बाद संक्षिप्त संयुक्त बयान जारी किए, लेकिन पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया. पुतिन ने सबसे पहले बोलते हुए कहा कि उनके बीच एक समझौता हो गया है, लेकिन उन्होंने कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी.

6. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप के साथ शिखर सम्मेलन के समापन के बाद द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अलास्का में शहीद हुए सोवियत पायलटों की कब्रों पर पुष्प अर्पित किए. ये पायलट अलास्का में प्रशिक्षण के दौरान या उधार-लीज़ कार्यक्रम के तहत सोवियत संघ में अमेरिकी निर्मित विमानों को ले जाते समय दुर्घटनाओं या खराब मौसम की स्थिति में मारे गए थे.

तीन अलग-अलग दौर की चली वार्ता चली

7. मूल रूप से एक-पर-एक बैठक के लिए निर्धारित, यह वार्ता तीन-पर-तीन सत्रों में बदल गई, जिसमें अमेरिकी अधिकारी मार्को रुबियो और स्टीव विटकॉफ ट्रंप के साथ और सर्गेई लावरोव और यूरी उशाकोव पुतिन के साथ शामिल हुए. यह बदलाव ट्रंप की 2018 की हेलसिंकी बैठक की तुलना में अधिक सतर्क रुख का संकेत देता है, जब चुनाव में दखलंदाजी पर अमेरिकी खुफिया जानकारी के आधार पर पुतिन का पक्ष लेने के लिए उनकी आलोचना की गई थी.

8. 867 में रूस से खरीदी गई अमेरिकी धरती अलास्का में पुतिन की मेजबानी वर्षों के अलगाव के बाद रूसी नेता को प्रतीकात्मक वैधता प्रदान करती है. कोई भी शांति समझौता यूक्रेन के अलग-थलग पड़ने का जोखिम पैदा कर सकता है, अगर उसकी सहमति के बिना रियायतें दी जाती हैं. ट्रंप ने पहले रूस के लिए गंभीर परिणामों की चेतावनी दी थी, लेकिन यह भी संकेत दिया था कि शांति के लिए जेलेंस्की को अपनी जमीन का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में बैठक

9. यह बैठक ज्वाइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में हुई, जो शीत युद्ध काल का एक रणनीतिक स्थल है और अभी भी रूसी विमानों को रोक रहा है. अलास्का की रूस से मात्र 3 मील की दूरी, इसके सबसे नज़दीकी बिंदु पर, इस प्रतीकात्मकता को रेखांकित करती है. इस बीच, यूक्रेन भारी बमबारी, सैन्य तैनाती और 600 मील लंबे मोर्चे पर भीषण युद्ध का सामना कर रहा है और दोनों पक्ष शांति के लिए एक-दूसरे की शर्तों को पूरा करने के करीब भी नहीं हैं.

यूक्रेन को युद्ध करने समाप्त करने को तैयार

10. जेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेता ट्रंप-पुतिन वार्ता में शामिल नहीं हुए, जिससे यूक्रेनी राष्ट्रपति को एक वीडियो संबोधन के जरिए अपनी प्रतिक्रिया देनी पड़ी. उन्होंने कहा कि उन्हें अमेरिका की ओर से मजबूत रुख की उम्मीद है और आगे कहा कि हर कोई युद्ध का एक ईमानदार अंत चाहता है. यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए काम करने को तैयार है. लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि यह संघर्ष ठीक इसलिए जारी है क्योंकि न तो कोई व्यवस्था है और न ही मास्को की ओर से कोई संकेत है कि वह इस युद्ध को समाप्त करने की तैयारी कर रहा है.

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16 August 2025, 08:29 AM IST

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