भारत पर ट्रंप का 'टैरिफ' अटैक! कितना टैक्स भरना होगा और कब जारी होगी चिट्ठी? जानिए
अमेरिका ने 1 अगस्त से भारत समेत कई देशों पर नए टैरिफ लागू करने का ऐलान किया है, जिससे वैश्विक व्यापारिक तनाव फिर तेज हो गया है.

अमेरिका और उसके व्यापारिक साझेदार देशों के बीच चल रही टैरिफ वार फिर से तेज होती दिख रही है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि वो 1 अगस्त से नए टैरिफ दरों को लागू करने जा रहे हैं, जिनके तहत भारत सहित कई देशों को अपने उत्पादों पर 10 से 70 प्रतिशत तक शुल्क का सामना करना पड़ सकता है. ट्रंप का ये फैसला ऐसे समय पर आया है जब अमेरिकी प्रतिनिधि लगातार देशों से रेसिप्रोकल टैरिफ (पारस्परिक शुल्क) को लेकर बातचीत में जुटे हुए हैं.
भारत के वाणिज्य सचिव की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल भी इन वार्ताओं के लिए अमेरिका में मौजूद है, लेकिन अब तक सिर्फ यूनाइटेड किंगडम और वियतनाम के साथ ही अमेरिका किसी सहमति पर पहुंच पाया है. बाकी देशों के साथ चर्चाएं अंतिम चरण में हैं.
ट्रंप ने कहा- 'हम पत्र भेजने जा रहे हैं'
गुरुवार को संवाददाताओं से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि मेरा झुकाव एक पत्र भेजने और ये बताने का है कि वे किस टैरिफ का भुगतान करने जा रहे हैं. यह बहुत आसान है. हम कुछ पत्र भेजने जा रहे हैं, संभवतः कल से शुरू हो रहे हैं. ट्रंप ने ये भी कहा कि ये पत्र शुक्रवार (4 जुलाई) से संबंधित देशों को भेजे जाएंगे और उन्हें स्पष्ट किया जाएगा कि नए नियमों के तहत उनके उत्पादों पर कितना शुल्क लगेगा.
60 से 70% तक टैरिफ की तैयारी
ट्रंप ने संकेत दिया कि कुछ देशों पर 60 या 70 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगाया जाएगा, जबकि कुछ देशों को 10 से 20 प्रतिशत की दर झेलनी होगी. उन्होंने कहा कि सभी देश 1 अगस्त से इस नई शुल्क व्यवस्था के अंतर्गत आएंगे.
भारत सहित कई देश रडार पर
अमेरिकी प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, ताइवान, भारत, यूरोपीय संघ और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ बातचीत अंतिम दौर में है. हालांकि, अमेरिका इन देशों पर अप्रैल में घोषित टैरिफ के तहत शुल्क लगाने की प्रक्रिया को अब दोबारा सक्रिय कर रहा है.
चीन के साथ भी बातचीत अंतिम चरण में
ट्रंप प्रशासन ने केवल यूके और वियतनाम के साथ व्यापार समझौतों को सार्वजनिक किया है, लेकिन बीजिंग के साथ भी हाई टैरिफ पर अस्थायी सहमति बन चुकी है. अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि अगले कुछ दिनों में कई और समझौतों पर मुहर लग सकती है.
अमेरिकी गिरावट के बाद मिली थी टैरिफ में राहत
अप्रैल में घोषित 10 प्रतिशत बेसिक टैरिफ दरों के कुछ ही दिनों बाद अमेरिका में शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली थी, जिसके बाद ट्रंप प्रशासन ने इन टैरिफ पर अस्थायी रोक लगा दी थी. लेकिन अब बातचीत की समयसीमा खत्म होने के साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति फिर से कड़ा रुख अपनाते दिख रहे हैं.