लॉस एंजेलिस में हालात बेकाबू, ट्रंप ने तैनात किए सीरिया-इराक से भी ज्यादा सैनिक
Los Angeles protests: लॉस एंजेलिस में हालात संभालने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया और इराक से भी ज्यादा सैनिक तैनात कर दिए हैं. लॉस एंजेलिस लगातार छह दिनों से विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बना हुआ है. ट्रंप सरकार ने सेना को कानून-व्यवस्था संभालने के निर्देश दिए हैं.

Los Angeles protests: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इमिग्रेशन छापों के खिलाफ भड़के विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए लॉस एंजेलिस में सेना की भारी तैनाती की है. अधिकारियों के अनुसार, इस शहर में तैनात सैन्यकर्मियों की संख्या अब सीरिया और इराक में संयुक्त रूप से मौजूद अमेरिकी सैनिकों से भी अधिक है.
यूएस आर्मी मेजर जनरल स्कॉट शेरमैन के मुताबिक, लॉस एंजेलिस में अब तक 4,000 से ज्यादा नेशनल गार्ड और 700 मरीन सैनिक भेजे जा चुके हैं. यानी कुल मिलाकर करीब 4,700 सैन्यकर्मी सड़कों पर हैं. वहीं पेंटागन के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में सीरिया में 2,000 और इराक में 2,500 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं.
इमिग्रेशन छापों के खिलाफ भड़का जनाक्रोश
ट्रंप प्रशासन द्वारा आक्रामक इमिग्रेशन नीति और छापों के विरोध में कैलिफोर्निया में शुरू हुए प्रदर्शन अब पूरे अमेरिका में फैल चुके हैं. इन प्रदर्शनों में हिंसा की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिसके चलते राष्ट्रपति ट्रंप ने सैन्य बलों की तैनाती का आदेश दिया.
सैन्य तैनाती पर भारी खर्च
एबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, लॉस एंजेलिस में नेशनल गार्ड और मरीन की यह तैनाती 60 दिनों में करीब 134 मिलियन डॉलर का खर्च लेकर आएगी. इसके अतिरिक्त, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने ट्रंप की इमिग्रेशन नीति को समर्थन देने के लिए 20,000 और नेशनल गार्ड सैनिकों को तैनात करने का प्रस्ताव रखा है, जिसकी सालाना लागत लगभग 3.6 बिलियन डॉलर आंकी गई है.
सैन्य बलों को गिरफ्तारी की अनुमति
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, लॉस एंजेलिस में तैनात सैनिकों को स्थानीय पुलिस की औपचारिक कार्रवाई से पहले संदिग्धों को हिरासत में लेने की अनुमति दी गई है. मंगलवार को ICE द्वारा साझा की गई तस्वीरों में नेशनल गार्ड सैनिकों को हथियारों के साथ देखा गया, जबकि ICE अधिकारी प्रवासियों को गिरफ्तार कर रहे थे.
गवर्नर न्यूजम ने जताया विरोध
कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूज़म ने राष्ट्रपति ट्रंप की इस सैन्य कार्रवाई को 'संघीय शक्ति का दुरुपयोग' करार दिया है. उन्होंने कहा, "यह कार्य एक खतरनाक मिसाल है." राज्य प्रशासन ने इस तैनाती के खिलाफ संघीय सरकार पर मुकदमा भी दर्ज कर दिया है.
राष्ट्रपति ट्रंप ने सैन्य तैनाती का बचाव करते हुए कहा, "अगर सेना न होती, तो स्थिति और भी भयावह हो जाती." उन्होंने दावा किया कि इस निर्णय ने लॉस एंजेलिस को बड़े पैमाने पर हिंसा से बचाया है.
विवादों में घिरा सेना का इस्तेमाल
1878 के पोसे कोमिटाटस एक्ट के अनुसार, अमेरिकी सेना को आमतौर पर नागरिक कानून प्रवर्तन में शामिल होने की अनुमति नहीं है. लेकिन लॉस एंजेलिस की स्थिति को देखते हुए यह नियम इस बार दरकिनार कर दिया गया है.
गवर्नर न्यूजम और अन्य स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि इतनी बड़ी सैन्य तैनाती समुदाय की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि नियंत्रण के उद्देश्य से की गई है. न्यूज़म ने टेलीविज़न संबोधन में कहा, "हमारी बस्तियों में इतनी सैन्य ताकत की कोई आवश्यकता नहीं है. यह सुरक्षा नहीं, नियंत्रण का प्रयास है."


