प्रदूषण से दिल पर सीधा हमला: हार्ट की नसों में जमने लगता है खून, इन लक्षणों को दिखते ही हो जाएं सतर्क
वायु प्रदूषण अब सिर्फ़ सांस की बीमारियों तक ही सीमित खतरा नहीं रहा; यह अब दिल की सेहत पर भी गंभीर असर डाल रहा है. प्रदूषित हवा में सांस लेने से दिल कमजोर होता है और दिल की खून की नसों में खून के थक्के बनने का खतरा काफी बढ़ जाता है.

नई दिल्ली: एयर पॉल्यूशन अब सिर्फ सांस की बीमारी तक सीमित खतरा नहीं रह गया है, बल्कि यह दिल की सेहत पर भी गंभीर असर डाल रहा है. जहरीली हवा में सांस लेने से हार्ट कमजोर हो रहा है और दिल की नसों में खून जमने यानी ब्लड क्लॉट बनने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. हालिया रिसर्च में यह चौंकाने वाला दावा सामने आया है कि प्रदूषण के कारण हार्ट अटैक और सांस से जुड़ी जानलेवा समस्याओं का जोखिम कई गुना बढ़ सकता है.
नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ (NIH) की एक बड़ी स्टडी के मुताबिक, प्रदूषित हवा में मौजूद बेहद छोटे कण सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर रहे हैं. ये कण फेफड़ों से होते हुए खून की नसों तक पहुंच जाते हैं और वहां Venous Thromboembolism (VTE) यानी ब्लड क्लॉट बनने की प्रक्रिया को तेज कर देते हैं. यह स्थिति दिल के लिए बेहद खतरनाक मानी जाती है.
कैसे बनता है हार्ट में ब्लड क्लॉट?
रिसर्च में बताया गया है कि प्रदूषण में मौजूद सूक्ष्म कण, खासकर PM2.5, शरीर में सूजन पैदा करते हैं. इससे हार्ट की नसों की अंदरूनी परत प्रभावित होती है और खून जमने लगता है. कई मामलों में यह थक्का टूटकर फेफड़ों तक पहुंच सकता है, जिससे सांस लेने में अचानक परेशानी, चक्कर या बेहोशी जैसी स्थिति बन सकती है. अगर समय पर इलाज न मिले तो यह खून के प्रवाह को पूरी तरह रोक सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है.
हार्ट की नसों में सूजन भी बड़ा खतरा
इससे पहले हुई कई स्टडी में भी यह साफ हो चुका है कि वायु प्रदूषण न सिर्फ फेफड़ों, बल्कि दिल को भी नुकसान पहुंचाता है. पहले हार्ट अटैक और स्ट्रोक को प्रदूषण से जोड़ा गया था, लेकिन अब नई रिसर्च यह इशारा कर रही है कि प्रदूषण सीधे तौर पर हार्ट की नसों में खून के थक्के बनने का कारण बन रहा है.
एक्सपर्ट्स की चेतावनी
दिल्ली के अपोलो अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वरुण बंसल के अनुसार, प्रदूषित हवा हार्ट की नसों में सूजन बढ़ाती है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में यह समस्या ज्यादा गंभीर हो सकती है. उन्होंने कहा कि विदेशों में प्रदूषण और ब्लड क्लॉट के मामलों पर काफी रिसर्च हो चुकी है और भारत में भी इसके असर अब साफ नजर आने लगे हैं.
ब्लड क्लॉट के खतरनाक लक्षण
अगर आपको ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
सीने में तेज दर्द
सांस लेने में दिक्कत
अचानक बेहोशी
ठंडा पसीना आना
प्रदूषण से बचाव कैसे करें?
1. घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनें
2. अत्यधिक प्रदूषित इलाकों में जाने से बचें
3. सुबह-शाम खुले में एक्सरसाइज न करें
4. हेल्दी खानपान अपनाएं और पानी ज्यादा पिएं
खासकर वे लोग जिन्हें पहले से हार्ट डिजीज, हाई बीपी, डायबिटीज या मोटापे की समस्या है, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. प्रदूषण से बचाव ही दिल को सुरक्षित रखने का सबसे कारगर तरीका है.


