पाकिस्तान में मचेगा हड़कंप! TTP बना रहा अपनी 'एयर फोर्स', 2026 में होगा बड़ा हमला?
पाकिस्तान के लिए टीटीपी दिन प्रतिदन खतरा बनती जा रही है. हाल ही में टीटीपी ने 2026 के लिए अपनी नई संगठनात्मक संरचना का ऐलान किया है, जिसमें 'वायु सेना' इकाई बनाने की योजना बताई जा रही है.

पाकिस्तान के लिए एक नई सुरक्षा चुनौती सामने आई है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने 2026 के लिए अपनी नई संगठनात्मक संरचना का ऐलान किया है. इसमें सबसे चौंकाने वाली बात एक 'वायु सेना' इकाई बनाने की योजना है. सूत्रों के अनुसार, यह कदम पाकिस्तान के खिलाफ टीटीपी की दुश्मनी को और बढ़ाने का संकेत है.
क्या है टीटीपी की नई संरचना ?
टीटीपी ने एक दस्तावेज जारी किया है, जिसमें उसकी सैन्य इकाइयों, प्रांतों में तैनाती और विभिन्न विभागों की नई व्यवस्था का जिक्र है. इस नई संरचना से टीटीपी की ताकत और इरादों में बढ़ोतरी साफ दिख रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि 'वायु सेना' का गठन टीटीपी के प्रचार और पाकिस्तान के लिए खतरे को कई गुना बढ़ा देगा.
प्रमुख बदलाव और नियुक्तियां
टीटीपी ने दो नए निगरानी क्षेत्र बनाए हैं पश्चिमी क्षेत्र (बलूचिस्तान) और मध्य क्षेत्र. दोनों के अलग-अलग सैन्य कमांडर नियुक्त किए गए हैं. इसके अलावा छाया प्रांतों में कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान को शामिल किया गया है. सैन्य नेतृत्व में भी बड़े बदलाव हुए हैं. फकीर इपी के पोते एहसानुल्लाह इपी को दक्षिणी सैन्य क्षेत्र का प्रमुख बनाया गया है.
हिलाल गाजी को केंद्रीय सैन्य क्षेत्र का उप प्रमुख नियुक्त किया गया. राजनीतिक आयोग में अजमतुल्लाह मेहसूद ने मौलवी फकीर मुहम्मद की जगह ली है.
वायु सेना का गठन का ऐलान
टीटीपी ने सलीम हक्कानी के नेतृत्व में अपनी 'वायु सेना' बनाने का ऐलान किया है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें ड्रोन जैसे उपकरण शामिल होंगे या बड़े ऑपरेशन की योजना है, लेकिन यह पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चेतावनी है.
पाकिस्तान में बढ़ते हमले
नवंबर 2022 में टीटीपी ने सरकार के साथ युद्धविराम खत्म कर दिया था. उसके बाद से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों पर हमले बढ़ गए हैं. पाकिस्तानी सरकार टीटीपी को 'फितना-अल-ख्वारिज' कहती है और इसे प्रतिबंधित संगठन मानती है.
पाकिस्तान का आरोप है कि टीटीपी अफगानिस्तान से ऑपरेशन चला रहा है, लेकिन तालिबान सरकार इसे नकारती है. टीटीपी पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. नई संरचना और वायु सेना की योजना से यह खतरा और गंभीर हो गया है.


