यादव समाज पर दिए विवादित बयान के बाद कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने माफी मांगी
मथुरा के प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवादों में आ गया. यादव समाज पर दिए गए कथित आपत्तिजनक बयान को लेकर नाराजगी बढ़ी तो कथावाचक ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए अपनी बात स्पष्ट की.

मथुरा: मथुरा से एक बड़ी खबर सामने आई है जहां प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने यादव समुदाय के प्रति दिया गया विवादित बयान लेकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है.विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद समाज में नाराजगी बढ़ गई थी और अब उन्होंने अपने बयान की सफाई देते हुए क्षमायाचना की है.
इंद्रेश उपाध्याय का यह बयान चार से पांच साल पुराना बताया जा रहा है, जिसे हाल ही में सोशल मीडिया पर फिर से वायरल किया गया.वायरल क्लिप में उन्होंने कहा था कि यादव लोग भगवान श्रीकृष्ण के वंशज नहीं हैं, जिससे यादव समाज के बीच गहरा आक्रोश फैल गया.इसी विवाद के बाद उन्होंने अपनी बात स्पष्ट करते हुए माफी जारी की है.
क्या था विवादित बयान?
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में इंद्रेश उपाध्याय कथावाचन के दौरान कहते दिखे कि यादव लोग सोचते हैं कि वे भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हैं, लेकिन यह सच नहीं है.उन्होंने यह भी कहा कि भगवान कृष्ण के जाने के बाद कोई यदुवंशी जीवित नहीं बचा.इस टिप्पणी को यादव समुदाय ने अपमानजनक और संवेदनशील भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया.
यादव समुदाय के जिला अध्यक्ष संजय यादव ने इसका कड़ा विरोध किया था और कहा था कि अगर सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं दी गई तो वे लोकतांत्रिक और कानूनी तरीकों से विरोध करेंगे.विवाद इतना बढ़ गया कि सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो गया.
इंद्रेश उपाध्याय ने क्यों मांगी माफी?
वायरल विवाद को देखते हुए इंद्रेश उपाध्याय ने एक भावुक वीडियो जारी कर सफाई दी.उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था और वह कभी भी किसी समुदाय का अपमान नहीं करना चाहते थे.उन्होंने स्वीकार किया कि उस समय किसी राजघराने के व्यक्ति के भावों को उन्होंने कथा में शामिल कर लिया था, जो आज लोगों के संज्ञान में आने पर विवादित बन गया.
इंद्रेश ने कहा, "अगर मेरे द्वारा बोले गए शब्दों से यादव समाज आहत हुआ है, तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं." उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने पहले भी अपनी कथाओं में इस विषय को स्पष्ट कर दिया था, लेकिन वह अंश लोगों तक नहीं पहुंच पाया.
समुदाय की प्रतिक्रिया और आगे की उम्मीदें
यादव समुदाय के कई लोगों ने कथावाचक की माफी को सकारात्मक कदम बताया है, हालांकि कुछ ने कहा कि ऐसे बयान भटकाव पैदा कर सकते हैं और समाज में गलतफहमियां जन्म ले सकते हैं.इस विवाद ने यह भी उजागर किया कि चार साल पुराने बयान भी आज के सोशल मीडिया परिदृश्य में किसी भी समय फिर से उभर सकते हैं और भावनाओं को भड़काने का काम कर सकते हैं.
इंद्रेश उपाध्याय ने अपने संदेश में समाज में एकता और भाईचारे पर जोर दिया है और कहा है कि "सब ठाकुर जी के हैं" और किसी भी तरह के भेदभाव को बढ़ावा नहीं देना चाहिए.


