भारत-पाक तनाव के बीच इस्लामाबाद पहुंचे तुर्की के सैन्य अधिकारी, क्या एर्दोगन देंगे साथ?
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है, क्या तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन पाकिस्तान की मदद करेंगे? इसी संदर्भ में तुर्की एयर फोर्स के कमांडर और खुफिया एजेंसी के प्रमुख इस्लामाबाद पहुंचे हैं. उनकी यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारत जल्द ही उस पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है.

भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात लगातार गहराते जा रहे हैं. ऐसे समय में तुर्की ने पाकिस्तान के साथ अपनी सैन्य साझेदारी को और मजबूत करना शुरू कर दिया है. हाल ही में तुर्की के एक उच्च स्तरीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान का दौरा किया, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल यासर कोदिओग्लू कर रहे थे. इस प्रतिनिधिमंडल ने इस्लामाबाद में स्थित पाकिस्तान वायु सेना के मुख्यालय का दौरा किया और वहां वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की.
रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण दौरा
इस दौरे को रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. खासकर ऐसे वक्त में जब पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारत अगले 24 से 36 घंटे के भीतर उस पर सैन्य हमला कर सकता है. पाकिस्तान की ओर से यह दावा सामने आने के कुछ ही घंटों बाद तुर्की के सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. यह दौरा दोनों देशों के बीच गहराते रक्षा संबंधों का संकेत देता है और क्षेत्रीय सुरक्षा समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है.
तुर्की और पाकिस्तान के रिश्ते
तुर्की और पाकिस्तान के रिश्ते पहले से ही धार्मिक और राजनीतिक आधार पर मजबूत माने जाते हैं, लेकिन अब इन संबंधों में सैन्य सहयोग का पहलू भी प्रमुखता से उभर रहा है. तुर्की द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन, हथियार और रक्षा तकनीक की आपूर्ति पहले से होती रही है और अब यह साझेदारी और भी गहरी होती नजर आ रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि तुर्की की यह सक्रियता भारत के लिए एक रणनीतिक चुनौती बन सकती है, खासकर उस समय जब सीमाओं पर तनाव अपने चरम पर है.


