ईरान में डांस रील बनाने पर दो लड़कियों की गिरफ्तारी, मिल सकती है कोड़े की सजा
ईरान में दो लड़कियों को डांस करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो डालने के लिए गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद से इसका काफी विरोध हो रहा है.

तेहरान में एक युद्ध स्मारक पर नृत्य करने का वीडियो वायरल होने के बाद दो लड़कियों को गिरफ्तार किया गया है. इस वीडियो में दोनों लड़कियां सैक्रेड डिफेंस वॉर मेमोरियल पर नाच रही थीं. यह स्मारक 1980-1982 के ईरान-इराक युद्ध में मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनवाया गया था.
अशोभनीय पहनावे का आरोप
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में दोनों लड़कियां जींस पहने हुए थीं. एक ने स्वेटर पहना था, जबकि दूसरी ने कार्डिगन और नीला टॉप पहन रखा था. ईरानी अधिकारियों ने कहा कि उनका पहनावा अशोभनीय था. इसके बाद लड़कियों के इंस्टाग्राम अकाउंट भी बंद कर दिए गए. गिरफ्तारी के बाद, कई ईरानी महिलाओं ने अपने नृत्य वीडियो पोस्ट करके विरोध जताया.
The mullahs 🇮🇷 arrested these two girls. Why? Because they were dancing. ایرانیان دوباره خواهند رقصید pic.twitter.com/lbNP8gDxao
— Avi Kaner ابراهيم אבי (@AviKaner) January 24, 2025
99 कोड़े की सजा हो सकती है
ईरान के दंड संहिता के अनुसार, सार्वजनिक स्थान पर नृत्य करना शालीनता के खिलाफ माना जाता है. इसके तहत 99 कोड़े तक की सजा हो सकती है. यह पहली बार नहीं है, जब नृत्य करने पर किसी को सजा मिली हो. 2014 में छह युवाओं को फ़ारेल विलियम्स के गाने "हैप्पी" पर नृत्य करते हुए वीडियो पोस्ट करने पर एक साल की निलंबित जेल और 91 कोड़े की सजा दी गई थी. 2018 में एक लड़की, माइदे होजाबरी, को भी नृत्य करते हुए वीडियो पोस्ट करने पर गिरफ्तार किया गया था.
डांस पर प्रतिबंध की वजह से लड़की ने जान दी
नवंबर 2024 में 16 साल की लड़की, अरज़ू खवारी, ने आत्महत्या कर ली. उसे स्कूल ने धमकी दी थी कि अगर वह बिना हिजाब के नृत्य करती रही तो उसे निष्कासित कर दिया जाएगा. अरज़ू, जो अफगान नागरिक थी, लंबे समय से स्कूल की कड़ी ड्रेस कोड नीति और उत्पीड़न का शिकार थी.
ईरान में महिलाएं अधिकारों के लिए आवाज उठा रही हैं
ईरान की महिलाएं और लड़कियां अपने अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष कर रही हैं. 2022 में हुए विरोध प्रदर्शनों में, स्कूल की लड़कियों ने पाठ्यपुस्तकों को फाड़ दिया और धार्मिक नेताओं की तस्वीरों को नष्ट कर दिया. कई लड़कियों ने अपने सिर के स्कार्फ को हवा में लहराकर इसे इस्लामिक शासन के खिलाफ विरोध के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया.
ईरान में डांस पर प्रतिबंध
1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान में नृत्य पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इस क्रांति के बाद देश की राजशाही समाप्त हुई और आयतुल्लाह खुमैनी के नेतृत्व में धार्मिक शासन स्थापित हुआ. खुमैनी के निधन के बाद 1989 से आयतुल्लाह अली खामेनेई देश के सर्वोच्च नेता हैं.


