शहबाज-जरदारी को इग्नोर कर UAE राष्ट्रपति बने मुनीर के स्पेशल गेस्ट, नूर खान एयरबेस पर हुई 'प्राइवेट' हाई-लेवल मुलाकात
संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद की हालिया पाकिस्तान यात्रा ने सबके होश उड़ा दिए. क्योंकि दौरा बिल्कुल आधिकारिक नहीं, पूरी तरह निजी था. न कोई भव्य रिसेप्शन, न राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात, न कोई समझौता, न कोई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस. पूरा प्रोग्राम सिर्फ आर्मी हाउस तक सिमटा रहा.

नई दिल्ली: UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की हालिया पाकिस्तान यात्रा को लेकर इस्लामाबाद की सियासत में हलचल तेज है. आधिकारिक और निजी दौरे के तौर पर बताई जा रही इस यात्रा में न तो पारंपरिक राजनयिक प्रोटोकॉल नजर आया और न ही किसी ठोस कूटनीतिक नतीजे की घोषणा हुई, जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर यह दौरा आधिकारिक था, तो पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शेख मोहम्मद का स्वागत क्यों नहीं किया. वरिष्ठ राजनयिक सूत्रों का कहना है कि यह यात्रा पूरी तरह निजी थी, जिसे बाद में सरकार और कुछ मीडिया वर्गों ने कूटनीतिक रंग देने की कोशिश की.
आधिकारिक नहीं, निजी यात्रा
वरिष्ठ राजनयिक सूत्रों के मुताबिक, शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की यह पाकिस्तान यात्रा किसी भी तरह की राजकीय यात्रा नहीं थी. इसे निजी दौरे के तौर पर आयोजित किया गया था, लेकिन बाद में इसे आधिकारिक बताने की कोशिशें की गईं. पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 26 दिसंबर को UAE राष्ट्रपति ऑफिशियल और प्राइवेट विजिट के लिए आए थे.
नूर खान एयरबेस पर लैंडिंग
इशाक डार के अनुसार, UAE राष्ट्रपति की मुलाकात नूर खान एयरबेस पर हुई, जिसके बाद वह रहीम यार खान शिकार के लिए रवाना हो गए. गौरतलब है कि नूर खान वही एयरबेस है, जहां भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमला बोला था. इस यात्रा के दौरान शेख मोहम्मद इस्लामाबाद नहीं पहुंचे.
राष्ट्रपति भवन और PM हाउस से दूरी
राजनयिक परंपराओं के अनुसार, किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के आधिकारिक दौरे पर राष्ट्रपति द्वारा स्वागत किया जाता है. लेकिन इस यात्रा में न तो राष्ट्रपति जरदारी ने UAE राष्ट्रपति से मुलाकात की और न ही शेख मोहम्मद राष्ट्रपति भवन या प्रधानमंत्री आवास गए. इशाक डार ने भी स्पष्ट किया कि UAE राष्ट्रपति न राष्ट्रपति भवन गए और न प्रधानमंत्री आवास.
शहबाज शरीफ से मुलाकात
UAE राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मुलाकात भी बेहद सीमित रही. यह मुलाकात रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर हुई और सूत्रों के मुताबिक महज चार-पांच मिनट चली. इस दौरान न कोई औपचारिक द्विपक्षीय वार्ता हुई और न ही किसी समझौते या MoU पर हस्ताक्षर किए गए. बातचीत की बजाय शिष्टाचार और तस्वीरों तक ही यह मुलाकात सीमित रही.
इस्लामाबाद क्यों नहीं आए शेख मोहम्मद?
इस यात्रा का एक अहम पहलू यह रहा कि UAE राष्ट्रपति ने इस्लामाबाद आने का न्योता ठुकरा दिया और अपनी पूरी मौजूदगी रावलपिंडी तक सीमित रखी. सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, शेख मोहम्मद करीब पांच घंटे तक आर्मी हाउस और GHQ में मौजूद रहे.
आर्मी हाउस में निजी कार्यक्रम में शिरकत
बताया जा रहा है कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर की ओर से आर्मी हाउस में आयोजित एक निजी पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होना था. इसके बावजूद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक कर्टन रेजर जारी कर व्यापार, निवेश और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में संभावित सहयोग के संकेत दिए.
कोई समझौता नहीं, फिर भी बयानबाजी
प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इस यात्रा को लेकर अलग बयान जारी किया और शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया पर इसे अहम बताने की कोशिश की. हालांकि सरकारी सूत्रों का साफ कहना है कि इस दौरे से जुड़ा कोई भी औपचारिक समझौता या ठोस नतीजा सामने नहीं आया.
किन मुद्दों पर हुई चर्चा?
सूत्रों के अनुसार, UAE राष्ट्रपति और फील्ड मार्शल असीम मुनीर के बीच गाजा के लिए प्रस्तावित इंटरनेशनल स्टेबिलाइजेशन फोर्स को लेकर संक्षिप्त चर्चा जरूर हुई. हालांकि इस बातचीत का कोई औपचारिक ब्योरा साझा नहीं किया गया. आने वाले हफ्तों में असीम मुनीर के UAE दौरे की संभावना जताई जा रही है.
फिर उजागर हुई पाकिस्तान की सत्ता संरचना
यह पूरा घटनाक्रम एक बार फिर पाकिस्तान की सत्ता संरचना को उजागर करता है, जहां विदेश नीति और कूटनीतिक प्राथमिकताएं सिविल सरकार की बजाय सैन्य नेतृत्व के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती हैं.


