यूक्रेन और अमेरिका के खनिज समझौते पर 30 अप्रैल को लगेगी अंतिम मुहर
यूक्रेनी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, यूक्रेन 30 अप्रैल को अमेरिका के साथ लंबे समय से प्रतीक्षित खनिज संसाधन समझौते पर दस्तखत करने के लिए तैयार है. पहले यह उम्मीद जताई जा रही थी कि राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की अपनी पिछली व्हाइट हाउस यात्रा के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, लेकिन ट्रंप के साथ तीखी बहस के चलते यह प्रक्रिया टल गई थी.

यूक्रेन और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण खनिज समझौते पर जल्द ही हस्ताक्षर हो सकते हैं. कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन सरकार 30 अप्रैल तक इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए तैयार है. राष्ट्रपति कार्यालय से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि यह समझौता पूरी तरह से खनिज संसाधनों पर केंद्रित है और इसमें अमेरिका से मिले सैन्य या वित्तीय कर्ज से संबंधित कोई शर्त शामिल नहीं है.
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन
पहले, म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने मौजूदा प्रस्ताव को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि वह यूक्रेन के हितों की रक्षा करने में सक्षम नहीं है. लेकिन अब परिस्थितियां बदलती नजर आ रही हैं. इस समझौते के माध्यम से दोनों देशों के बीच खनिजों के विनिमय को लेकर सहयोग को औपचारिक रूप दिया जाएगा. साथ ही, यह अमेरिका और यूक्रेन के आर्थिक संबंधों को और गहरा कर सकता है, विशेषकर यदि डोनाल्ड ट्रंप फिर से सत्ता में लौटते हैं.
यूक्रेन की अर्थव्यवस्था
रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन की अर्थव्यवस्था मंत्री यूलिया स्विरीडेन्को इस समय वाशिंगटन में हैं, जहां वे समझौते के तकनीकी पहलुओं को अंतिम रूप देने में जुटी हुई हैं. अमेरिका की दिलचस्पी खासकर यूक्रेन के टाइटेनियम, लिथियम, यूरेनियम, ग्रेफाइट और मैंगनीज जैसे दुर्लभ खनिजों में है, जिनका उपयोग रक्षा, ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों में होता है.
ट्रम्प ने कथित तौर पर कहा है कि अमेरिका, रूस के खिलाफ समर्थन जारी रखने के लिए बदले में यूक्रेनी खनिज संसाधनों तक पहुंच चाहता है. पहले उम्मीद की जा रही थी कि यह समझौता राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की अमेरिका यात्रा के दौरान हो जाएगा, लेकिन ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच तनावपूर्ण बातचीत के चलते प्रक्रिया रुक गई थी.
समझौते पर हस्ताक्षर के बाद, इसे लागू करने के लिए यूक्रेनी संसद की मंजूरी आवश्यक होगी. यह समझौता एक मुख्य दस्तावेज और दो तकनीकी अनुबंधों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा.


