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ट्रंप की टैरिफ तानाशाही पर अमेरिका में बवाल! आज US की अदालत सुनाएगी अहम फैसला

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत समेत कई देशों पर लगाए गए भारी टैरिफ को अमेरिका के 12 राज्यों और व्यापार संगठनों ने अदालत में चुनौती दी है, जिसे संविधान का उल्लंघन बताया गया है. ट्रंप ने IEEPA कानून का इस्तेमाल करते हुए टैरिफ लागू किए, लेकिन कोर्ट में इसे अधिकारों का दुरुपयोग माना जा रहा है.

डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने टैरिफ फैसलों को लेकर विवादों में घिर गए हैं. हाल ही में उन्होंने भारत समेत कई देशों पर भारी आयात शुल्क लगाने का ऐलान किया, जिससे वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मच गई है. अब अमेरिका में ही उनके इन फैसलों को चुनौती दी जा रही है. अमेरिका के 12 राज्यों और छोटे व्यापारिक संगठनों ने ट्रंप के टैरिफ पावर को कोर्ट में चुनौती दी है और इसे संविधान का उल्लंघन बताया है.

गुरुवार को अमेरिकी अदालत में इस बात पर सुनवाई होगी कि क्या ट्रंप ने अपने अधिकारों से बाहर जाकर विदेशी उत्पादों पर टैरिफ लागू किए हैं. अदालत के इस फैसले से अमेरिका की व्यापार नीति और राष्ट्रपति की शक्तियों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.

किन देशों पर लगाए गए टैरिफ?

ट्रंप ने अप्रैल और फरवरी में चीन, कनाडा, मैक्सिको सहित कई देशों से आने वाले उत्पादों पर 25% तक के टैरिफ लागू कर दिए. भारत को लेकर भी उन्होंने हाल ही में आयात शुल्क बढ़ाने का ऐलान किया है. ट्रंप का तर्क है कि ये कदम अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, रोजगार बचाने और ड्रग्स तस्करी पर लगाम कसने के लिए जरूरी हैं.

12 राज्यों और छोटे व्यापारियों ने उठाई आवाज

ट्रंप के इन टैरिफ फैसलों के खिलाफ अमेरिका के 12 डेमोक्रेटिक राज्यों और 5 छोटे व्यापारिक संगठनों ने याचिका दायर की है. इनका कहना है कि राष्ट्रपति अकेले ऐसे बड़े फैसले नहीं ले सकते. अमेरिकी संविधान के अनुसार, टैक्स और टैरिफ से संबंधित फैसला लेने का अधिकार सिर्फ संसद (कांग्रेस) के पास है.

IEEPA कानून का विवादित इस्तेमाल

ट्रंप ने टैरिफ लगाने के लिए 1977 के एक पुराने कानून IEEPA (International Emergency Economic Powers Act) का सहारा लिया है. यह कानून मूल रूप से आपातकालीन स्थिति में दुश्मन देशों पर प्रतिबंध लगाने के लिए बनाया गया था. लेकिन पहली बार इसका इस्तेमाल आयात शुल्क लागू करने के लिए किया गया है. ट्रंप का कहना है कि यह राष्ट्रीय आपात स्थिति है, क्योंकि अमेरिका को व्यापार घाटा हो रहा है और फेंटानिल जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी बढ़ रही है.

निचली अदालत दे चुकी है झटका

मई में एक निचली अदालत ने ट्रंप के फैसले को अधिकारों के दुरुपयोग की श्रेणी में रखा. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि IEEPA कानून का उपयोग केवल वास्तविक आपात स्थितियों में ही किया जा सकता है, ना कि पुराने व्यापार घाटे जैसे मुद्दों पर.

अब सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा मामला?

गुरुवार को इस मामले की सुनवाई अमेरिकी अपील अदालत के 11 जजों की बेंच करेगी. इनमें से 8 जज डेमोक्रेटिक और 3 रिपब्लिकन राष्ट्रपतियों द्वारा नियुक्त किए गए हैं. अगर कोर्ट ट्रंप के खिलाफ फैसला देता है, तो यह मामला सीधे सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच सकता है. IEEPA के दुरुपयोग को लेकर ट्रंप के खिलाफ 7 से ज्यादा मुकदमे दायर हो चुके हैं. वॉशिंगटन डीसी की अदालत भी उनके खिलाफ फैसला दे चुकी है. अब तक किसी अदालत ने यह नहीं माना कि राष्ट्रपति को बिना किसी सीमा के टैरिफ लगाने का अधिकार है.

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31 July 2025, 06:36 PM IST

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