क्या निष्कासित पाक उच्चायोग अधिकारी दानिश ISI एजेंट था?
दिल्ली में मौजूद पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात आईएसआई एजेंट कथित तौर पर वीज़ा लेने आए लोगों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को दोस्ती, ब्लैकमेल, हनी ट्रैप और पैसों का प्रलोभन देकर भारत विरोधी जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करते थे.

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान उच्चायोग से निष्कासित किए गए अधिकारी दानिश को लेकर जांच एजेंसियों को बड़ा सुराग मिला है. जानकारी के अनुसार, दानिश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का सदस्य था और इस्लामाबाद में कार्यरत था.
उसका पासपोर्ट (BE1117693) इस्लामाबाद से जारी हुआ था, जिसकी वैधता 2 दिसंबर 2019 से 2 दिसंबर 2024 तक है. उसका जन्मस्थान नारोवाल बताया गया है और वह 23 नवंबर 2022 को भारत में दाखिल हुआ था. उसे 21 जनवरी 2022 को वीज़ा जारी किया गया था.
भारतीय नागरिकों को देता था झांसा
जांच एजेंसियों का दावा है कि दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग में तैनात ISI एजेंट भारतीय नागरिकों को झांसा देकर, लालच या ब्लैकमेलिंग के जरिये संवेदनशील सूचनाएं हासिल करने की कोशिश करते थे. ज्योति मल्होत्रा का नाम भी ऐसे ही एक नेटवर्क से जुड़ने के आरोप में सामने आया है.
राष्ट्रीय एजेंसियों की पूछताछ जारी
हरियाणा की एक अदालत ने ज्योति मल्होत्रा की पुलिस हिरासत चार दिन के लिए और बढ़ा दी है. इससे पहले वह पांच दिन की रिमांड पर थी. 33 वर्षीय मल्होत्रा पर सरकारी गोपनीयता अधिनियम और आईपीसी की धाराओं में केस दर्ज किया गया है. उन्हें हिसार के न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से पकड़ा गया था. वह "ट्रैवल विद जेओ" नामक यूट्यूब चैनल चलाती थीं.
हालांकि पुलिस को अभी तक ऐसे साक्ष्य नहीं मिले हैं कि वह किसी सैन्य या गुप्त जानकारी तक प्रत्यक्ष रूप से पहुंची थीं, लेकिन पुष्टि हुई है कि वह पाक खुफिया एजेंटों से संपर्क में थीं. सूत्रों के अनुसार, वह नवंबर 2023 से दानिश उर्फ एहसान-उर-रहीम के साथ संपर्क में थीं.
जांच जारी
13 मई को भारत सरकार ने दानिश को देश से निष्कासित कर दिया. मल्होत्रा के तीन मोबाइल, एक लैपटॉप और चार बैंक खातों की जांच जारी है. साथ ही, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, खुफिया ब्यूरो और सैन्य खुफिया विभाग भी पूछताछ में शामिल हैं. पुलिस को संदेह है कि वह पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश जैसी जगहों पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल रही हैं.


