पाकिस्तान का एलिगेशन विफल, TTP ने ली वजीरिस्तान हमले की जिम्मेदारी
वजीरिस्तान में हुए एक भीषण हमले ने पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस हमले में 16 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत और कई लोगों के घायल होने की खबर है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के हाफिज गुल बहादुर समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसने पाकिस्तान के भारत पर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह बेनकाब कर दिया।

Waziristan Attack: पाकिस्तान ने इस हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे 'झूठा और अवमाननापूर्ण' करार दिया. यह घटना न केवल पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों को उजागर करती है, बल्कि उसके प्रोपेगेंडा को भी विफल करती है. आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं.
वजीरिस्तान में हुए विस्फोट
शनिवार को खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी वजीरिस्तान जिले के खड्डी गांव में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी को पाकिस्तानी सेना के काफिले में घुसा दिया. इस धमाके में 16 सैनिकों की जान चली गई. जबकि कई सैनिक और नागरिक बुरी तरह घायल हो गए. मीडियाा रिपोर्ट्स के अनुसार धमाका इतना जोरदार था कि दो घरों की छतें गिर गईं. इस हमले ने क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैयारियों पर सवाल उठा रहे हैं.
TTP ने ली जिम्मेदारी, पाकिस्तान का दावा झूठा
हमले की जिम्मेदारी TTP से जुड़े हाफिज गुल बहादुर समूह की आत्मघाती इकाई उसुद अल-हरब ने ली है. खैबर पख्तूनख्वा को TTP का गढ़ माना जाता है. और यह संगठन लंबे समय से पाकिस्तान में सरकार विरोधी हिंसक गतिविधियों में शामिल रहा है. इस हमले के बाद पाकिस्तान ने बिना किसी सबूत के भारत पर आरोप लगाने की कोशिश की, लेकिन TTP के बयान ने इन दावों की पोल खोल दी.
भारत पर दोषारोपण की पुरानी आदत
पाकिस्तान की यह रणनीति कोई नई नहीं है. वह अक्सर अपनी आंतरिक समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाता रहा है. इस बार भी, TTP द्वारा हमले की जिम्मेदारी लेने के बावजूद, पाकिस्तानी सेना ने भारत को निशाना बनाने की कोशिश की. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे 'ध्यान भटकाने की कोशिश' करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान को अपने देश में आतंकवाद की जड़ों को खत्म करने पर ध्यान देना चाहिए.


