'हमारा कोई लेना देना नहीं था जब तक...' भारत-पाक तनाव पर कैसे बदला अमेरिका का रवैया?
India-Pakistan tensions: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर अमेरिका ने पहले दूरी बनाई थी. लेकिन खुफिया जानकारी मिलने के बाद उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर सीज़फायर वार्ता की पहल की.

India-Pakistan tensions: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने अचानक अपनी रणनीति में बदलाव किया है. अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, जो कुछ दिन पहले तक इस मुद्दे को "हमारा मामला नहीं" बता रहे थे, अब सक्रिय रूप से मध्यस्थता की भूमिका निभा रहे हैं. अमेरिका को शुक्रवार सुबह जो खुफिया जानकारी मिली, उसे 'चिंताजनक' बताया गया, और इसके बाद वेंस ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर युद्धविराम वार्ता पर जोर दिया.
इस महत्वपूर्ण कूटनीतिक हस्तक्षेप के बाद शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच 'पूर्ण और तात्कालिक सीजफायर' पर सहमति बन गई है. हालांकि, इस घोषणा के कुछ घंटों बाद ही कश्मीर क्षेत्र में धमाकों की खबरें सामने आईं और दोनों देशों ने एक-दूसरे पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया.
पहले कहा 'हमारा मामला नहीं', फिर किया हस्तक्षेप
जेडी वेंस ने इससे पहले फॉक्स न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, "यह युद्ध अमेरिका के लिए कोई मायने नहीं रखता और हम इसमें नहीं पड़ने वाले. हम केवल इतना कर सकते हैं कि दोनों पक्षों को तनाव कम करने के लिए प्रेरित करें." उन्होंने साफ कहा था कि अमेरिका भारत या पाकिस्तान को 'हथियार डालने' के लिए मजबूर नहीं कर सकता.
क्यों बदला अमेरिका का रुख?
शुक्रवार सुबह जब अमेरिका को एक अत्यंत संवेदनशील खुफिया सूचना प्राप्त हुई, तो उपराष्ट्रपति वेंस, विदेश मंत्री, अंतरिम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मार्को रुबियो और व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ सूसी वाइल्स ने तुरंत उच्च स्तरीय बैठक की. रिपोर्ट के अनुसार, इस खुफिया जानकारी को इतना महत्वपूर्ण माना गया कि यह अमेरिका को हस्तक्षेप के लिए बाध्य करने वाली मुख्य वजह बन गई.
वेंस ने मोदी को किया फोन
खबर के मुताबिक, वेंस ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्थिति से अवगत कराने के बाद शुक्रवार दोपहर ईटी समयानुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया. उन्होंने बताया कि अमेरिका को स्थिति के "ड्रामैटिक एस्कलेशन" की उच्च संभावना दिखाई दे रही है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वेंस ने मोदी को एक संभावित समाधान का सुझाव भी दिया, जिसके लिए पाकिस्तान की सहमति होने की बात कही गई थी, हालांकि इसकी विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई.
कूटनीतिक प्रयास में जुटा अमेरिका
व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि अमेरिका की भूमिका केवल दोनों पक्षों को बातचीत के लिए तैयार करना थी, न कि कोई सीज़फायर मसौदा तैयार करना. विदेश मंत्रालय और रूबियो की टीम ने रात भर भारत और पाकिस्तान के अपने समकक्षों से संपर्क बनाए रखा.
शनिवार सुबह राष्ट्रपति ट्रंप ने Truth Social पर लिखा, दोनों देशों को कॉमन सेंस और महान बुद्धिमत्ता दिखाने के लिए बधाई और दावा किया कि अमेरिका ने इस शांति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
भारत-पाकिस्तान के बीच फिर उभरा तनाव
हालांकि, कुछ ही घंटों बाद भारत और पाकिस्तान दोनों ने एक-दूसरे पर सीज़फायर तोड़ने का आरोप लगाया. जम्मू-कश्मीर के दो शहरों में धमाकों की खबरें आईं, जिससे दोनों देशों के बीच फिर से तनाव की स्थिति पैदा हो गई.


