score Card

क्या है यूएई का 'वदीमा कानून'? जिसके तहत दुबई में यूपी की शहजादी को सुनाई गई फांसी की सजा

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) बच्चों की सुरक्षा को लेकर सख्त कानूनों के लिए जाना जाता है. इनमें से एक प्रमुख कानून है वदीमा कानून, जिसे यूएई के चाइल्ड राइट्स लॉ के रूप में भी जाना जाता है. यूएई के संघीय कानून संख्या 3 के अनुच्छेद 342 के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की गलती से किसी की मृत्यु होती है, तो उसे जेल की सजा और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है. यह वही कानून है जिसके तहत उत्तर प्रदेश की शहजादी को दुबई में फांसी की सजा सुनाई गई है.

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) बच्चों की सुरक्षा को लेकर सख्त कानूनों के लिए जाना जाता है. इनमें से एक प्रमुख कानून है वदीमा कानून, जिसे यूएई के चाइल्ड राइट्स लॉ के रूप में भी जाना जाता है. यह कानून बच्चों को किसी भी प्रकार की हिंसा, शोषण और अनदेखी से बचाने के लिए 2016 में लागू किया गया था. इसके तहत किसी बच्चे की देखरेख में लापरवाही या उसे किसी खतरे में डालने को गंभीर अपराध माना जाता है.

लापरवाही से बच्चे की मृत्यु पर सजा

वदीमा कानून के तहत यदि किसी व्यक्ति की लापरवाही से बच्चे की जान चली जाती है, तो उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है. यूएई के संघीय कानून संख्या 3 के अनुच्छेद 342 के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की गलती से किसी की मृत्यु होती है, तो उसे जेल की सजा और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है. यह वही कानून है जिसके तहत उत्तर प्रदेश की शहजादी को दुबई में फांसी की सजा सुनाई गई है.

उत्तर प्रदेश की शहजादी का मामला

इस मामले में शहजादी की कहानी कुछ इस प्रकार है. 2020 में शहजादी ने सोशल मीडिया के जरिए उज्जैर से संपर्क किया. दोस्ती के बाद, उज्जैर ने 2021 में उसे आगरा बुलाया और वहां उसे लग्जरी लाइफ का लालच दिया. बाद में उज्जैर ने उसे अबु धाबी भेज दिया, जहां वह फैज-नादिया के बच्चे की देखभाल करने लगी. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन कुछ समय बाद बच्चे की अचानक मौत हो गई. शहजादी पर आरोप लगा कि उसने बच्चे की देखभाल में लापरवाही बरती, जिसके कारण उसकी मौत हुई. इस मामले में कोर्ट ने शहजादी को मृत्युदंड की सजा सुनाई.

बच्चे की मौत और एंबेसी की भूमिका

जो बच्चा शहजादी की देखरेख में था, वह केवल चार महीने का था और अक्सर बीमार रहता था. एक दिन उसकी मृत्यु हो गई. शहजादी के मामले में भारतीय एंबेसी यूएई सरकार के संपर्क में है और रिव्यू पिटीशन दायर की गई है, जो अभी विचाराधीन है. एंबेसी ने बताया है कि शहजादी तब तक जेल में रहेगी, जब तक अंतिम निर्णय नहीं आता.

कानून की सख्ती: बच्चों की अनदेखी पर सजा

वदीमा कानून के अनुच्छेद 35 के तहत, यदि कोई अभिभावक, संरक्षक या देखभालकर्ता अपने बच्चे की सुरक्षा में लापरवाही करता है, तो उसे सजा मिल सकती है। अगर बच्चे को खतरे में डाला जाता है या उसे अनदेखा किया जाता है, तो उसे कारावास या कम से कम 5000 दिरहम (AED) का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

स्कूल बसों और बच्चों की सुरक्षा

यूएई में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सख्त नियम लागू हैं, खासकर स्कूल बसों में. यदि कोई बच्चा स्कूल बस में यात्रा कर रहा है, तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी बस चालक और स्कूल प्रशासन की होती है. किसी बच्चे को अकेले वाहन में छोड़ना अपराध माना जाता है. इस मुद्दे पर एक हालिया घटना के बाद यह कानून फिर से चर्चा में आया है.

कड़े कदम और भविष्य की दिशा

यूएई सरकार बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए सख्त कदम उठा रही है. वदीमा कानून के तहत अभिभावकों, स्कूल प्रशासन, बस चालकों और अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों को बच्चों की देखभाल करनी होती है. इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों के जीवन की रक्षा करना और भविष्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है.

इस सख्त कानून का मकसद बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की अनदेखी या लापरवाही से बच्चों की जान न जाए.

calender
17 February 2025, 08:59 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag