इमरान जेल में, हसीना आईं भारत, देश छोड़ भागे अशरफ... जानें सत्ता से गिरकर कहां पहुंचे दक्षिण एशिया के ये बड़े नाम?
दक्षिण एशिया की राजनीति इन दिनों बड़े संकट से गुजर रही है. कभी सत्ता की कमान संभालने वाले बड़े नेता आज या तो जेल में हैं, निर्वासन में जी रहे हैं या फिर गुमनामी में खो चुके हैं. नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, अफगानिस्तान और बांग्लादेश इन सभी देशों में पिछले कुछ सालों में सत्ता परिवर्तन ने राजनीतिक अस्थिरता को और गहरा कर दिया है.

South Asia Political Crisis: दक्षिण एशिया में बीते कुछ वर्षों से राजनीतिक उथल-पुथल लगातार तेज होती जा रही है. कभी अपने-अपने देशों में सत्ता की कमान संभालने वाले शीर्ष नेता आज या तो निर्वासन में हैं, या जेल की सलाखों के पीछे. अफगानिस्तान, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश के बाद अब नेपाल का भी राजनीतिक नेतृत्व संकट के दौर से गुजर रहा है.
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के हालिया इस्तीफे के साथ भारत का तीसरा पड़ोसी देश भी राजनीतिक अस्थिरता की राह पर आ गया है. इससे पहले बांग्लादेश में शेख हसीना, श्रीलंका में गोटबाया राजपक्षे और अफगानिस्तान में अशरफ गनी सत्ता से बेदखल होकर देश छोड़ चुके हैं. वहीं पाकिस्तान में इमरान खान जेल में सजा काट रहे हैं. सवाल यह है कि दक्षिण एशिया का यह विस्थापित पॉलिटिकल एलीट आखिर कहां है और क्या कर रहा है?
नेपाल में सोशल मीडिया बैन पर हिली सरकार
9 सितंबर को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया. सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के फैसले ने देशभर में विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया. सरकार ने भले ही प्रतिबंध हटाने की घोषणा कर दी, लेकिन प्रदर्शनों का सिलसिला अगले दिन भी जारी रहा. यह इस्तीफा नेपाल को उन देशों की सूची में शामिल कर देता है, जहां युवाओं के नेतृत्व में सरकार विरोधी लहर ने सत्ता पलट दी है.
बांग्लादेश से दिल्ली पहुंचीं शेख हसीना
5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने छात्र आंदोलनों और सैन्य हस्तक्षेप के बीच इस्तीफा दिया और हेलीकॉप्टर से भारत पहुंचीं. उनके साथ बहन शेख रेहाना भी थीं. 1975 में पिता शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या के बाद भी वह लंबे समय तक दिल्ली में रही थीं.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय का अनुमान है कि छात्रों के प्रदर्शनों पर कार्रवाई में तीन हफ्तों में 1,400 लोग मारे गए. इसके बाद अगस्त 2024 में अंतरिम सरकार बनी और अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया गया. मई 2025 में इस पार्टी को आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत गैरकानूनी घोषित कर दिया गया. हसीना का मौजूदा ठिकाना भले स्पष्ट न हो, लेकिन भारत ने उन्हें किसी भी राजनीतिक गतिविधि से दूर रहने की हिदायत दी है.
श्रीलंका में गोटबाया राजपक्षे की वापसी
जुलाई 2022 में जब श्रीलंका अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को जनता के भारी आक्रोश और प्रदर्शनों के बीच देश छोड़ना पड़ा. 13 जुलाई को वे मालदीव पहुंचे, अगले दिन सिंगापुर और फिर बैंकॉक में रहे. अगस्त 2022 में थाईलैंड से लौटकर सितंबर में श्रीलंका वापस आए.
उस दौरान महंगाई दर 54.6% और खाद्य मुद्रास्फीति 80% तक पहुंच गई थी. विदेशी कर्ज 51 अरब डॉलर से ऊपर था, जिसने जनता को सड़क पर उतरने पर मजबूर कर दिया.
अफगानिस्तान के अशरफ गनी भागे यूएई
15 अगस्त 2021 को तालिबान के काबुल पर कब्जे के साथ ही राष्ट्रपति अशरफ गनी विमान से देश छोड़कर पहले ताजिकिस्तान और फिर संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे. तब से वह अबू धाबी में गुप्त जीवन बिता रहे हैं.
गनी पर आरोप लगा कि वे देश का खजाना लेकर भागे, लेकिन उन्होंने इसे नकारते हुए कहा, "मैं और मेरी पत्नी अपने निजी वित्तीय मामलों में बहुत सावधानी बरतते हैं. मैंने अपनी सारी संपत्ति सार्वजनिक रूप से घोषित कर दी है. मैं संयुक्त राष्ट्र या किसी स्वतंत्र निकाय द्वारा आधिकारिक ऑडिट का स्वागत करता हूं."
पाकिस्तान की जेल में इमरान खान
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 9 मई 2023 को अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया गया. इसके बाद 17 जनवरी 2025 को उन्हें 14 साल की सजा सुनाई गई, जबकि उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 7 साल की सजा मिली.
इमरान पर 150 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. पाकिस्तान का राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो आरोप लगाता है कि उन्होंने 19 करोड़ पाउंड (करीब 50 अरब पाकिस्तानी रुपये) का नुकसान पहुंचाया. हालांकि इमरान ने हमेशा इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है.


