जानिए महरंग बलोच के बारे में...नोबेल पुरस्कार के लिए किया गया नॉमिनेट
पाकिस्तान के बलूचिस्तान की जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और बलोच यकजहती कमेटी की संगठक महरंग बलोच को 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है. उन्होंने इस नामांकन को अपने लिए नहीं, बल्कि बलूचिस्तान में जबरन लापता किए गए लोगों और उनके परिजनों की आवाज बताया.

पाकिस्तान के बलूचिस्तान की जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और बलोच यकजहती कमेटी की संगठक महरंग बलोच को 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है. उन्होंने इस नामांकन को अपने लिए नहीं, बल्कि बलूचिस्तान में जबरन लापता किए गए लोगों और उनके परिजनों की आवाज बताया.
मानवाधिकारों की लड़ाई में अहम नाम
महरंग बलोच ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि "यह सम्मान मेरे लिए नहीं, उन हजारों बलूचों के लिए है जो जबरन गायब कर दिए गए हैं. मानवाधिकारों की इस लड़ाई को दुनिया को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
वह लंबे समय से पाकिस्तानी सरकार और सेना पर बलूच लोगों के अपहरण, हत्या और दमनकारी नीतियों का आरोप लगाती रही हैं. उनके नेतृत्व में कई बड़े विरोध प्रदर्शन हुए, जिससे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बलूचिस्तान में हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठा.
पाकिस्तान सरकार के लिए बड़ी चुनौती
महरंग बलोच खुले तौर पर सरकार और सेना की आलोचना करती हैं, जिससे वह पाकिस्तान सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं. कई बार उनके आंदोलनों को कुचलने की कोशिश की गई, लेकिन वह पीछे नहीं हटीं.
नामांकन की पुष्टि कैसे हुई?
नॉर्वे स्थित बलोच पत्रकार किय्या बलोच ने सबसे पहले उनके नोबेल शांति पुरस्कार नामांकन की जानकारी साझा की. वह उन 338 नामांकितों में शामिल हैं, जिनमें 244 व्यक्ति और 94 संगठन हैं. हालांकि, नोबेल फाउंडेशन नामांकनों को 50 साल तक गोपनीय रखता है, लेकिन नामांकित करने वाला व्यक्ति इसे सार्वजनिक कर सकता है. इसी प्रक्रिया में महरंग बलोच का नाम सामने आया.


