क्यों सुलग उठा लॉस एंजिल्स? दंगे, हिंसा और गोलियों की गूंज
लॉस एंजिल्स समेत अमेरिका के कई हिस्सों में प्रदर्शन अब भी जारी हैं, क्योंकि राष्ट्रपति ट्रम्प ने भीड़ को काबू में करने के लिए अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया है. सोमवार को, नेशनल गार्ड के जवानों ने होमलैंड सिक्योरिटी अधिकारियों के साथ मिलकर संघीय इमारतों की घेराबंदी की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की भीड़ "उन्हें आज़ाद करो!" और "नेशनल गार्ड वापस जाओ!" जैसे नारे लगा रही थी.

6 जून को अमेरिका के लॉस एंजिल्स में इमिग्रेशन और कस्टम्स इंफोर्समेंट (ICE) द्वारा की गई छापेमारी के बाद हालात बेकाबू हो गए. दिनदहाड़े की गई इन कार्रवाइयों में 121 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया. यह विरोध जल्द ही हिंसक झड़पों में तब्दील हो गया, जिसमें प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी मुठभेड़ें देखने को मिलीं.
टायर जलते आए नजर
लॉस एंजिल्स की सड़कों पर टायर जलते नजर आए, गोलियां चलीं और रबर बुलेट, फ्लैश बैंग और आंसू गैस का प्रयोग हुआ. स्थिति को काबू में लाने के लिए हजारों नेशनल गार्ड के जवानों को तैनात किया गया. सप्ताहांत तक करीब 150 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था. इसके साथ ही पत्रकार भी झड़पों में घायल हुए.
ट्रम्प प्रशासन ने इस स्थिति को “विद्रोह” करार देते हुए लॉस एंजिल्स में 2,000 से ज्यादा नेशनल गार्ड भेजे. उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि यदि राज्य सरकारें हालात नहीं संभाल सकीं, तो संघीय हस्तक्षेप जरूरी है. इसके बाद कैलिफोर्निया सरकार ने ट्रम्प के इस कदम को असंवैधानिक और राज्य के अधिकारों पर हमला बताते हुए अदालत का रुख किया.
मेयर कैरेन बास का आरोप
गवर्नर गेविन न्यूसम और एलए की मेयर कैरेन बास ने आरोप लगाया कि ट्रम्प स्थानीय प्रशासन की सहमति के बिना सैन्य तैनाती कर रहे हैं, जो कि कानूनन गलत है. ट्रम्प ने अमेरिकी कानून यू.एस. कोड टाइटल 10, सेक्शन 12406 का हवाला देकर कहा कि राष्ट्रपति विशेष हालात में नेशनल गार्ड को संघीय सेवा में बुला सकते हैं.
इस विवाद ने अमेरिकी राजनीति में नया तनाव पैदा कर दिया है, जहां राज्य और केंद्र सरकार आमने-सामने हैं. अटॉर्नी जनरल रॉब बोन्टा ने इसे “सत्ता का दुरुपयोग” करार देते हुए मुकदमा दर्ज किया है. अब यह मामला सिर्फ लॉस एंजिल्स तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे अमेरिका में संवैधानिक अधिकारों और शक्तियों की सीमा को लेकर बहस छिड़ गई है.