आजादी या मौत...इमरान की इस मांग ने बढ़ाई असीम मुनीर की मुसीबत, पाकिस्तान में उठने लगी हकीकी आजादी की आवाज
मुहम्मद सोहेल अफरीदी खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री पीटीआई समर्थकों को संगठित कर इमरान खान की आवाज फैलाने में सक्रिय हैं. उन्होंने रैली में हकीकी आजादी का आह्वान किया और समर्थकों को विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार रहने को कहा.

नई दिल्लीः पाकिस्तान में पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) के समर्थकों को संगठित करने और इमरान खान की आवाज जन-जन तक पहुंचाने का काम अब मुहम्मद सोहेल अफरीदी कर रहे हैं. अफरीदी खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) के वजीर-ए-आला यानी मुख्यमंत्री हैं और उनकी राजनीतिक सक्रियता इस समय चर्चा में है.
रविवार को कोहाट में आयोजित एक रैली में हजारों पीटीआई समर्थक और आम जनता इकट्ठा हुए. रैली में हकीकी आजादी का नारा बुलंद हुआ, जिसे सुनकर अफरीदी ने समर्थकों को तैयार रहने का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि अगर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया, तो तैयार रहिए. हम देश के मौजूदा शासकों से मिलकर हकीकी आजादी हासिल करेंगे.
जेल से इमरान खान का संदेश
अफरीदी ने इस अवसर पर समर्थकों को याद दिलाया कि पीटीआई के संस्थापक इमरान खान फिलहाल जेल में हैं और उन्होंने वहां से आजादी या मौत का संदेश दिया था. अफरीदी ने कहा कि अगर हम इस बार जाते हैं, तो या तो कफन में लौटेंगे या आजादी लेकर. उन्होंने यह भी बताया कि इमरान खान ने सरकार से बातचीत और विरोध प्रदर्शन जैसी जिम्मेदारियां पख्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (PKMAP) के चेयरमैन महमूद खान अचकजई और सीनेटर अल्लामा राजा नासिर अब्बास को सौंपी हैं.
अफरीदी ने कहा कि मेरी तरफ से, मैंने उनसे मुलाकात की और हर तरह के समर्थन का आश्वासन दिया है. जब भी उनकी तरफ से कोई बुलावा आए, आपको तैयार रहना होगा. हम मिलकर देश के मौजूदा शासकों से हकीकी आजादी हासिल करेंगे.
पीटीआई की चुनौतियां
पीटीआई नेता मानते हैं कि देश के संस्थान और सरकार उनके दल को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में अफरीदी का आक्रामक रुख और सार्वजनिक रूप से समर्थकों को जुटाने की रणनीति पार्टी के लिए एक सशक्त संकेत मानी जा रही है.
अफरीदी की सक्रियता
हाल ही में वजीर-ए-आला बनाए गए अफरीदी ने अपनी राजनीतिक सक्रियता और आक्रामक बयानबाजी से सुर्खियां बटोरीं. उनका नाम चर्चा में तब और बढ़ गया, जब अदियाला जेल प्रशासन ने बृहस्पतिवार को दसवीं बार पीटीआई संस्थापक इमरान खान से मिलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. अफरीदी जब जेल पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें सूचित किया कि इस बार मुलाकात की इजाजत नहीं दी जा सकती.
इस घटना ने अफरीदी की भूमिकाओं और पीटीआई की स्थिति पर नई बहस शुरू कर दी है. उनके समर्थक इसे एक संकेत मानते हैं कि पार्टी नेतृत्व अब जेल में बंद इमरान खान के संदेश को जनता तक पहुंचाने में पूरी तरह जुटा हुआ है.
भविष्य की संभावनाएं
अफरीदी का संदेश स्पष्ट है कि पीटीआई और उसके समर्थक किसी भी परिस्थिति में अपनी मांगों और संघर्ष को जारी रखेंगे. उनकी योजना है कि हकीकी आजादी हासिल करने के लिए पूरी तैयारी के साथ विरोध प्रदर्शन और अन्य राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम दिया जाए.


